#हादसा
July 17, 2025
श्रीखंड यात्रा : युवक ने रास्ते में तोड़ा दम, मजदूर ने देह गाड़ी तक पहुंचाने के मांगे 65 हजार
भाई का आरोप- पैसे ना देने पर मजदूर ने छीना सामान और मोबाइल
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध श्रीखंड यात्रा से एक दुखद खबर सामने आई है। यात्रा के दौरान रास्ते में एक श्रद्धालु की मौत हो गई है। श्रद्धालु अपने भाई के साथ श्रीखंड महादेव की यात्रा करने के लिए चंडीगढ़ से आया था।
दुखद बात ये है कि मृतक के भाई के साथ किसी मजदूर ने बदसलूकी भी की है। मृतक के भाई ने यात्रा के इंताजामों को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। मृतक के भाई का आरोप है कि एक मजदूर ने उसके भाई का शव नीचे गाड़ी तक ले जाने के लिए उससे 65 हजार रुपए मांगे। जब वो ये पैसे नहीं दे पाया तो मजदूर ने उसका मोबाइल और सामान छीन लिया।
बताया जा रहा है कि 33 वर्षीय अभय चंडीगढ़ का रहने वाला था। बीती 11 जुलाई को अभय अपने चचेरे भाई के साथ श्रीखंड यात्रा पर निकला था। बीते मंगलवार को दोनों श्रीखंड यात्रा कर वापस लौट रहे थे। इस दौरान पार्वती बाग के पास अचानक अभय की तबीयत खराब हो गई।
अभय के भाई ने तुरंत इस बाबत रेस्क्यू टीमों को सूचिक किया। रेस्क्यू टीम द्वारा अभय को इलाज के लिए भीम-डवारी बेस कैंप तक लाया गया। जहां पर मौजूद डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार दिया- जिससे अभय की तबीयत में हल्का सुधार हुआ। इसके बाद अभय को भीम-डवारी से सिविल अस्पताल लाया जा रहा था। इसी दौरान सिंहगाज और जाओं के बीच रास्ते में अभय ने दम तोड़ दिया।
अभय के शव को पोस्टमार्टम के लिए निरमंड अस्पताल ले जाया गया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। वहीं, अभय के भाई का आरोप है कि जिस मजूदर ने अभय का शव नीचे तक लाया- उसने उससे 65 हजार रुपए मांगे। मगर वो इतने पैसे नहीं दे पाया- जिसके चलते मजदूर ने उसका फोन और सामान छीन लिया।
वहीं, SDM निरमंड मनमोहन का कहना है कि मजदूर द्वारा की गई बदसलूकी की शिकायत हमें मिली है। मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही पता लगा लिया जाएगा किस मजदूर ने ऐसा किया है।
42 लोगों की मौत
आपको बता दें कि पुराने आंकड़ों के अनुसार, अभी तक श्रीखंड यात्रा के दौरान 42 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 18 से 35 वर्ष के युवा अधिक हैं। पिछले साल पांच श्रद्धालुओं ने यात्रा के दौरान दम तोड़ दिया था।
आपको बता दें कि हर साल की तरह इस बार भी भक्तों की आस्था उमड़ने को तैयार है। यात्रा को लेकर भक्तों में काफी उत्साह नजर आ रहा है। हर साल सावन मास में आयोजित होने वाली यह यात्रा शिव भक्तों के लिए आध्यात्मिक आस्था और साहस की परीक्षा मानी जाती है। इस साल ये यात्रा बीती 10 जुलाई से शुरू हुई थी- जो कि 23 जुलाई तक चलेगी।
इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना हो- इसके लिए प्रशासन की ओर से हर सुविधा मुहैया करवाई गई है। रास्ते में जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया गया है। साथ ही पांच जगह पर श्रद्धालुओं के ठहरने और स्वास्थ्य जांच के लिए बेस कैंप बनाए गए हैं।
प्रशासन ने यात्रा के दौरान मिलने वाले खाने-पीने की चीजों और रहने के लिए बिस्तरों के दाम भी तय कर दिए हैं। दरअसल, यात्रा के दौरान कुछ दुकानदार लोगों से चीजों के ज्यादा दाम वसूलते हैं। ऐसे में लूट पर लगाम लगाने के लिए चीजों के यह दाम श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट निरमंड द्वारा लागू किए गए हैं। उम्मीद है कि प्रशासन के इस फैसले से यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा पूरी कर पाएंगे।
श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट निरमंड द्वारा जारी रेट लिस्ट के अनुसार यात्रों के पड़ावों के आधार पर चीजों के पैसे वसूले जाएंगे। जैसे कि-
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श्रद्धालुओं को इस बार 250 रुपये पंजीकरण शुल्क देना होगा और हर दिन अधिकतम 800 श्रद्धालुओं को ही श्रीखंड यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाएगी। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन केवल रेयर मामलों में ही मिलेगा।
श्रीखंड यात्रा में श्रद्धालुओं को कुल 32 किलोमीटर पैदल चढ़ाई करनी होती है। इस यात्रा के दौरान 4 ग्लेशियर, चट्टानी पहाड़, और ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ता है। पार्वती बाग के आगे ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो जाती है, जिससे कई यात्रियों को बीच से लौटना पड़ता है।
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि श्रीखंड की चोटी पर भगवान शिव शिला रूप में 72 फीट ऊंचे शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। वहां पहुंचकर परिक्रमा और पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
यात्रा के लिए यात्री रामपुर (शिमला) से होकर निरमंड, बागीपुल और फिर जाओ तक वाहन से पहुंचते हैं। इसके बाद पैदल यात्रा शुरू होती है। यात्रा मार्ग पर 5 बेस कैंप बनाए गए हैं। यहां मेडिकल स्टाफ, रेस्क्यू टीमें, पुलिस, और ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध रहेगी-
यात्रा के मार्ग में पार्वती बाग के फूल, नैन सरोवर, भीम बही, भीम द्वार, थाचड़ू, और बराटी नाला जैसे अद्भुत प्राकृतिक दृश्य श्रद्धालुओं को भक्ति और प्रकृति के संगम का अनुभव कराते हैं। रास्ते में कई तरह की जड़ी-बुटियां भी हैं। इस यात्रा में जम्मू, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचते हैं।