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October 10, 2025
हिमाचल के MNREGA मजदूरों को 31 अक्टूबर तक करना होगा ये काम, नहीं तो हट जाएगा नाम
हिमाचल के 15,55,708 परिवारों के पास मनरेगा जॉब कार्ड
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मनरेगा मजदूरों के लिए अब एक नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। हिमाचल के हर मनरेगा मजूदर को 31 अक्टूबर तक एक जरूरी काम करवाना होगा- नहीं तो उनका नााम जॉब कार्ड से हटा दिया जाएगा।
बिजली मीटर और राशन कार्ड की तरह अब मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना) के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों को भी अपने जीवित होने का डिजिटल प्रमाण देना होगा। सरकार ने इसके लिए सभी पंजीकृत मजदूरों की ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो 31 अक्तूबर तक पूरी करनी होगी।
राज्य में इस समय 15,55,708 परिवारों के पास मनरेगा जॉब कार्ड हैं, जिनमें कुल 28,69,589 व्यक्ति पंजीकृत हैं। इनमें से केवल सक्रिय मजदूरों की ही e-KYC की जाएगी। यानी वे मजदूर जो नियमित रूप से मनरेगा के कार्यों में भाग ले रहे हैं।
इस प्रक्रिया में अब केवल फोटो या पहचान पत्र से काम नहीं चलेगा। प्रत्येक मनरेगा मजदूर को अपनी तस्वीर के साथ दो से तीन बार पलक झपकाने की वीडियो प्रक्रिया के माध्यम से यह साबित करना होगा कि वह जीवित है।
यह पूरी प्रक्रिया भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा बनाए गए नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (NMMS) पर की जाएगी। इसके साथ ही आधार फेस ऑथेंटिकेशन ऐप भी इंस्टॉल करना होगा। इसी ऐप के माध्यम से मजदूर का “मैं भी जिंदा हूं” प्रमाण डिजिटल रूप में अपलोड किया जाएगा।
ई-केवाईसी का यह कार्य ग्राम पंचायतों में तैनात ग्राम रोजगार सेवक (GRS) करेंगे। वे पंचायतवार मनरेगा जॉबकार्ड पर दर्ज सक्रिय मजदूरों की मोबाइल एप के जरिए लाइव फेस ऑथेंटिकेशन करेंगे। हर व्यक्ति का डेटा सीधे केंद्र सरकार की सर्वर प्रणाली में अपलोड होगा। इस प्रक्रिया से मनरेगा से जुड़े फर्जी पंजीकरण, मृत व्यक्तियों के नाम पर भुगतान और डुप्लीकेट जॉब कार्डों पर लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इस व्यवस्था को पहले राज्य के दो जिलों में ट्रायल आधार पर लागू किया गया था। अब सरकार ने इसे हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में अनिवार्य कर दिया है। जिला विकास अधिकारी कांगड़ा भानु प्रताप सिंह ने बताया कि मनरेगा जॉबकार्ड पर अंकित सभी सक्रिय मजदूरों की e-KYC 31 अक्टूबर तक पूरी की जाएगी। यह कार्य नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम पर किया जा रहा है, जिसे पंचायत स्तर पर तैनात ग्राम रोजगार सेवक अमल में ला रहे हैं।
हिमाचल में कुल 15,55,708 परिवारों में से 28,69,589 लोगों के नाम जॉब कार्ड में पंजीकृत हैं। यहां देखें लिस्ट-
परिवार- 96,758
व्यक्ति- 1,77,832
परिवार-1,48,046 परिवार
व्यक्ति-2,77,129
परिवार- 1,23,944
व्यक्ति-1,92,260
परिवार- 3,11,410
व्यक्ति- 5,83,060
परिवार- 21,088
व्यक्ति- 41,122
परिवार- 1,01,889
व्यक्ति- 2,02,736
परिवार- 6,771
व्यक्ति- 14,363
परिवार- 2,98,164
व्यक्ति- 5,42,692
परिवार- 1,62,524
व्यक्ति- 3,39,994
परिवार- 1,04,161
व्यक्ति- 2,02,739
परिवार- 96,201
व्यक्ति- 1,70,479
परिवार- 84,752
व्यक्ति- 1,25,183
मनरेगा योजनाओं में बीते कुछ वर्षों से कई जगहों पर मृत व्यक्तियों के नाम पर मजदूरी भुगतान, फर्जी उपस्थिति और गलत आंकड़ों के मामले सामने आए हैं। e-KYC से अब हर सक्रिय मजदूर का आधार आधारित लाइव सत्यापन होगा, जिससे योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी और वास्तविक लाभार्थी को ही मजदूरी मिलेगी।
जहां कुछ लोग इसे सरकारी प्रणाली में सुधार की दिशा में जरूरी कदम बता रहे हैं, वहीं कई मजदूर इसे तकनीकी रूप से कठिन मान रहे हैं। कई ग्रामीण इलाकों में स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी इस प्रक्रिया को चुनौतीपूर्ण बना रही है।
सरकार ने सभी जिलों को आदेश दिए हैं कि 31 अक्टूबर, 2025 तक हर पंचायत में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। इसके बाद जिन मजदूरों की e-KYC नहीं होगी, उनके जॉब कार्ड अस्थायी रूप से निष्क्रिय किए जा सकते हैं।