#अपराध
October 10, 2025
हिमाचल : नशेड़ी ने खराब किया शादीशुदा जीवन, गहने बेच खरीदा चिट्टा- पत्नी को भी घर से निकाला
आठ साल का वैवाहिक जीवन नशे ने किया बर्बाद
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शिमला। नशे के जहर ने एक और परिवार की नींव हिला दी है। चिट्टे (हेरोइन) की लत सिर्फ शरीर नहीं, बल्कि रिश्तों को भी खोखला कर रही है। हिमाचल प्रदेश के रामपुर उपमंडल की ननखड़ी तहसील से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
आठ साल पहले प्रेम और उम्मीदों से शुरू हुआ एक वैवाहिक रिश्ता नशे की गिरफ्त में आकर पूरी तरह बर्बाद हो गया। अदालत ने अब पीड़िता को राहत देते हुए विवाह को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, विवाह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था। कुछ ही वर्षों में पति चिट्टे का आदी बन गया। शुरू-शुरू में पत्नी ने सोचा कि यह एक अस्थायी दौर है और समय के साथ पति सुधर जाएगा, लेकिन स्थिति उलटी होती चली गई।
नशे की आदत ने पति को हिंसक बना दिया। वह आए दिन पत्नी से झगड़ने लगा, छोटी-छोटी बातों पर गाली-गलौज और मारपीट करने लगा। देखते ही देखते दोनों के वैवाहिक जीवन में खटास आ गई।
पत्नी ने कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन नशे के अंधेपन ने उसे संवेदनहीन बना दिया था। एक दिन उसने पत्नी के गहने चोरी-छिपे निकाल लिए और उन्हें बेचकर चिट्टा खरीद लिया। जब पत्नी को यह बात पता चली तो उसने विरोध किया, जिस पर पति ने उसे बुरी तरह पीटा।
बताया जाता है कि 2020 में नशे की हालत में उसने पत्नी को घर से निकाल दिया और धमकी दी कि अगर वह वापस आई तो जान से मार देगा। अपमान और प्रताड़ना से तंग आकर पीड़िता ने पहले घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया। लेकिन इसके बाद भी पति में कोई सुधार नहीं हुआ।
अंततः उसने रामपुर स्थित पारिवारिक न्यायालय, किन्नौर में तलाक की याचिका दायर की। अदालत ने नियमों के अनुसार पति को नोटिस भेजा, जिसे उसके पिता के माध्यम से तामील कराया गया। बावजूद इसके, न तो पति स्वयं पेश हुआ और न ही उसकी ओर से कोई प्रतिनिधि अदालत में उपस्थित हुआ।
पति की अनुपस्थिति में अदालत ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए महिला की याचिका पर सुनवाई की। न्यायालय ने कहा कि प्रस्तुत साक्ष्यों और बयानों से यह स्पष्ट है कि प्रतिवादी ने अपनी पत्नी के साथ क्रूरता का व्यवहार किया और जानबूझकर उसे छोड़ दिया। अदालत ने इसे हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत वैध आधार मानते हुए तलाक को मंजूरी दी और विवाह को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी किया।
लोगों का कहना है कि यह मामला केवल एक दंपती की कहानी नहीं, बल्कि हिमाचल के उन सैकड़ों परिवारों की हकीकत है जो चिट्टे के जाल में फंसकर बिखर चुके हैं। रामपुर जैसे शांत इलाकों में नशे का फैलता असर समाज की जड़ों को कमजोर कर रहा है।