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October 10, 2025

हिमाचल : रामलीला में हनुमान बनता था संतोषी बस का ड्राइवर, उन्हीं के चरणों में ली अंतिम सांस

बस के सामने आए थे तीन बंदर- कुछ दूरी पर गिर गई पहाड़ी

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SANTOSHI PRIVATE BUS HIMACHAL PRADESH

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के बरठीं-भल्लू मार्ग पर गुरुवार को हुए भीषण हादसे ने पूरे इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस हादसे में कई खुशहाल परिवार उजड़ दिया है।

रामलीला में हुनमान बनता था ड्राइवर

हादसे में सुन्हाणी पंचायत के बरड़ गांव निवासी रजनीश उर्फ विक्की (33) की दर्दनाक मौत हो गई। वह पेशे से बस चालक था, लेकिन गांव में उसे सिर्फ ड्राइवर नहीं, बल्कि ‘हनुमान’ के रूप में पहचाना जाता था। हर साल वह रामलीला मंच पर भगवान बजरंगबली का किरदार निभाता था, और उसकी गूंजती आवाज “जय बजरंगबली” पूरे गांव की आस्था को जीवंत कर देती थी।

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बजरंगबली का भक्त था विक्की

रजनीश को गांव के लोग ‘विक्की हनुमान’ के नाम से पुकारते थे। नाट्य मंच पर उसका रूप देखकर बच्चे झूम उठते, बुजुर्ग श्रद्धा से सिर झुका लेते। वह हमेशा लोगों की मदद के लिए तत्पर रहता- किसी की शादी में ड्राइवर बनकर सहयोग देना हो या किसी बीमार को अस्पताल पहुंचाना, विक्की हमेशा सबसे आगे रहता।

बस के सामने आए तीन बंदर

गुरुवार दोपहर जब विक्की बस लेकर भल्लू मार्ग से गुजर रहा था, तभी अचानक सड़क पर तीन बंदर आ गए। बजरंगबली का भक्त होने के नाते विक्की ने गाड़ी रोक दी और बंदरों को सुरक्षित निकल जाने दिया।

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कुछ दूरी पर गिरा पहाड़

कुछ ही क्षण बाद बस को जैसे ही आगे बढ़ाया, ऊपर की पहाड़ी से भारी मलबा और एक बड़ा पत्थर बस पर आ गिरा। बस बुरी तरह दब गई और रजनीश की मौके पर ही मौत हो गई। विडंबना यह रही कि हादसा ठीक उस जगह हुआ, जहां सड़क के किनारे बजरंगबली की विशाल प्रतिमा स्थापित है। इस दृश्य ने हर किसी के दिल को हिला दिया।

पूरे इलाके में पसरा मातम

बरड़ गांव में मातम पसरा है। हर कोई अपने ‘हनुमान’ को याद कर रहा है। विक्की के साथी और दोस्तों का कहना है कि विक्की हमारा हनुमान था, हमारी पहचान था। जब वह मंच पर आता था, तो गांव में एक अलग ही ऊर्जा भर जाती थी। आज वो चला गया, पर उसकी हंसी, उसकी आवाज, उसकी भक्ति हमारे दिलों में हमेशा गूंजती रहेगी।”

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परिवार का सहारा छिन गया

विक्की पिछले करीब 13 सालों से बस चलाने का काम कर रहा था। मेहनती, ईमानदार और मिलनसार स्वभाव के कारण वह हर किसी का प्रिय था। उसके घर में अब सिर्फ उसकी पत्नी और पांच साल का मासूम बेटा रह गया है, जो बार-बार यही पूछ रहा है- “पापा कब आएंगे?” यह सवाल पूरे गांव के दिल को चीर देता है।

हादसे ने छोड़ी गहरी टीस

बरड़ गांव में अब हर कोई विक्की की अंतिम यात्रा की तैयारी में जुटा है, लेकिन हर चेहरे पर सवाल वही है- “इतना नेक इंसान, इतना भक्ति भाव रखने वाला युवक इतनी जल्दी कैसे चला गया?” स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि प्रशासन पीड़ित परिवार की मदद करे और पहाड़ी मार्गों पर सुरक्षा उपायों को और मजबूत बनाया जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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16 लोगों की मौत

इस हादसे में विक्की समेत कुल 16 लोगों की मौत हो गई है। हादसे में जान गंवाने वालों में 9 पुरुष, 3 बच्चे और 4 महिलाएं शामिल हैं। हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की एक साथ मौके पर ही मौत हो गई है। इस हादसे ने पूरे हिमाचल को हिला कर रख दिया है।

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