#विविध
July 13, 2025
हिमाचल: तंबाकू सेवन करने वाले हो जाएं सावधान, कैंसर का बढ़ रहा खतरा; रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
98 परसेंट पुरुष तंबाकू सेवन करने के हैं आदि
शेयर करें:
शिमला। पहाड़ियों में बसी शांत और प्रकृति से भरपूर भूमि हिमाचल प्रदेश अब मसूड़ों और दांतों से जुड़ी बीमारियों की गंभीर गिरफ्त में आ रही है। जो खतरा पहले केवल बुजुर्गों तक सीमित माना जाता था, अब वह युवा और अधेड़ आयु वर्ग को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। और इसका सीधा संबंध है- तंबाकू, सिगरेट, गुटखा और शराब जैसी आदतों से।
IGMC शिमला में स्थित टोबैको केयर सेंटर में पिछले छह महीनों के भीतर 538 मरीज पहुंचे, जिनके दांत और मसूड़े तंबाकू और धूम्रपान के कारण क्षतिग्रस्त हो चुके थे। तंबाकू का सेवन करने वालों को सतर्कता बरतने की जरूरत है- नहीं तो उनकी जान भी जा सकती है।
IGMC में जो मरीज इलाज के लिए पहुंचे, उनमें 98% पुरुष और केवल 2% महिलाएं थीं। 95.8% मरीज धूम्रपान करने वाले थे और 4.2% तंबाकू चबाने वाले। इनमें-
IGMC के प्रधानाचार्य डॉ. आशु गुप्ता के अनुसार, तंबाकू और सिगरेट से मुंह की भीतरी परत और मसूड़े धीरे-धीरे सड़ने लगते हैं। सिगरेट और बीड़ी का धुआं मुंह के भीतर रक्त प्रवाह को कम कर देता है, जिससे मसूड़े कमज़ोर और सिकुड़ने लगते हैं। टार और निकोटिन के कारण दांत पीले, काले और बदरंगे बन रहे हैं। लगातार धूम्रपान करने से पेरियोडोंटाइटिस नामक बीमारी हो सकती है,जिसमें मसूड़े सड़ने लगते हैं और दांत अपनी पकड़ खो बैठते हैं।
तंबाकू और गुटखा चबाने की आदत से-
डॉ. गुप्ता के अनुसार, शराब का सेवन भी दांतों और मसूड़ों की सेहत पर भारी असर डालता है-
शराब पीने से मुंह का pH स्तर अम्लीय हो जाता है- जिससे हानिकारक बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। इससे कैविटी, मसूड़ों की सूजन, मुंह से दुर्गंध जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। शराब लार उत्पादन को कम कर देती है, जिससे मुंह सूखता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक शराब सेवन करने वालों में भी ओरल कैंसर की आशंका बनी रहती है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में दरका पहाड़: सड़क से गुजर रही गाड़ियों पर गिरा भारी मलबा और पत्थर; मची चीख पुकार
IGMC शिमला के टोबैको केयर सेंटर में न केवल इलाज किया जा रहा है, बल्कि लोगों को तंबाकू छुड़ाने के लिए परामर्श दिया जा रहा है। स्टाफ द्वारा नियमित शिक्षा और जागरूकता सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। मरीजों को मौखिक स्वच्छता और सही ब्रशिंग तकनीक सिखाई जा रही है।
डॉ. गुप्ता का कहना है कि तंबाकू और शराब से जितना दूर रहेंगे, उतना ही आपका स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा। रोज़ाना दो बार ब्रश करें, हल्के हाथों से मसूड़ों की सफाई करें और हर 6 महीने में दंत जांच जरूर कराएं।
दरअसल, सिगरेट पीने से इंसान के शरीर के की अंग प्रभावित होते हैं। सिगरेट पीने से दिल, किडनी, दिमाग और फेफड़ों की समस्या होती है। सिगरेट के अंदर निकोटीन होता है। ऐसे में सिगरेट पीने से ओर भी कई तरह की दिक्कतें होती हैं।
आप चाहें तो आप कई तरीकों से सिगरेट पीने की आदत को छोड़ सकते हैं। इस लत को छोड़ने के लिए बााजर में तमाम प्रोडेक्ट मौजूद हैं। जैसे कि-
कई घरेलू उपाय अपना कर भी आप सिगरेट पीने की लत को छोड़ सकते हैं। सिगरेट पीने की लत छोड़ने के लिए मुलेठी, शहद, पानी, आंवला और दालचीनी बहुत मददगार साबित होते हैं-