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December 7, 2025

IGMC के डॉक्टरों का कमाल : मरीज को दिया नया जीवन, लीवर-किडनी से निकाला 3KG का ट्यूमर

डॉक्टरों ने फुटबाल के आकार का ट्यूमर निकाला

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IGMC Shimla Tumour Surgery

शिमला। IGMC शिमला ने कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक और बड़ा मील का पत्थर स्थापित किया है। यहां डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम ने 75 वर्षीय बुजुर्ग मरीज के दो अलग-अलग अंगों में मौजूद कैंसर का एक ही समय पर सफल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दिया है।

IGMC के डॉक्टरों ने मरीज को दिया नया जीवन 

यह उपलब्धि इसलिए भी असाधारण है क्योंकि मरीज उम्रदराज होने के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहा था-हाई ब्लड प्रेशर, सांस लेने में दिक्कत, लगातार कमजोरी और पेट से जुड़ी परेशानी। आमतौर पर ऐसे मरीजों का ऑपरेशन करना अत्यंत जोखिम भरा माना जाता है, लेकिन डॉक्टरों की कुशल टीम ने चुनौती को स्वीकार किया और इसे सफल अंजाम तक पहुंचाया।

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मरीज की बड़ी सर्जरी सफल

किन्नौर का रहने वाला 75 वर्षीय बुजुर्ग पिछले कुछ समय से पेट में दर्द, भूख कम लगना और चलने-फिरने में भारीपन होने की समस्या झेल रहा था। परेशान होकर उसने IGMC शिमला के कैंसर विभाग में कैंसर सर्जन डॉ. रश्मपाल ठाकुर से OPD में सलाह ली।

दो अंगों में था ट्यूमर

CT-Scan में सामने आया कि लिवर के बाएं हिस्से में बड़ा ट्यूमर मौजूद है और दाईं किडनी में भी कैंसर विकसित हो चुका है। इस तरह की स्थिति बेहद दुर्लभ होती है, क्योंकि दुनिया भर में केवल 2–3 प्रतिशत मरीजों में ही दो अलग-अलग अंगों में कैंसर एक साथ पाया जाता है।

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मरीज की जान को बड़ा खतरा

मरीज की बढ़ी उम्र और अन्य बीमारियों के कारण ऑपरेशन को और भी चुनौतीपूर्ण माना जा रहा था। लेकिन स्थिति गंभीर थी और समय रहते ऑपरेशन न होने पर मरीज की जान को बड़ा खतरा था। इसके बाद सर्जिकल टीम ने जोखिमों का मूल्यांकन कर ऑपरेशन के लिए हरी झंडी दे दी।

6–7 घंटे चली ऐतिहासिक सर्जरी

IGMC के ऑपरेशन थिएटर में सुबह से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। लगभग 6–7 घंटे चली इस हाई-रिस्क सर्जरी में डॉक्टरों ने लिवर के बाएं हिस्से को हटाया और दाईं किडनी को हटाया।

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फुटबाल के आकार का ट्यूमर निकाला

डॉक्टरों के अनुसार ट्यूमर का आकार इतना बड़ा था कि उसका वजन लगभग 3 किलोग्राम निकला—जो एक फुटबॉल के आकार के बराबर था। इतनी भारी ग्रोथ को निकालना अपने आप में बेहद कठिन प्रक्रिया थी। ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति स्थिर रखी गई और सभी पैरामीटर्स पर लगातार निगरानी रखी गई। सिर्फ 10 दिनों में मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर घर भेज दिया गया।

 

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ऑपरेशन में शामिल विशेषज्ञ टीमें

ये सर्जरी इन सभी डॉक्टरों ने अपनी विशेषज्ञता व अनुभव के दम पर सफल की-

  • सर्जिकल टीम
  • डॉ. रश्मपाल ठाकुर – कैंसर सर्जन
  • डॉ. पुनीत महाजन – सर्जन
  • डॉ. अंशु अटरी – सीनियर रेज़िडेंट
  • एनेस्थिसिया टीम
  • डॉ. अजय सूद एवं उनकी टीम

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यह मामला इतना दुर्लभ क्यों?

एक ही मरीज में दो अंगों लिवर और किडनी में कैंसर होना बेहद कम देखा जाता है। बुजुर्ग मरीज, वह भी सांस की दिक्कत और हाई BP के साथ ऑपरेशन अत्यधिक जोखिम भरा होता है। एक साथ दो महत्त्वपूर्ण अंगों को हटाना तकनीकी रूप से बेहद मुश्किल होता है।

पहली बार हुई ऐसी सर्जरी

IGMC के इतिहास में यह पहला मामला है जब किसी मरीज के लिवर और किडनी, दोनों अंगों में पाए गए कैंसर को एक ही सर्जरी में हटाकर उसकी जान बचाई गई हो। AIIMS दिल्ली से सुपर-स्पेशलाइजेशन कर चुके डॉ. रश्मपाल ठाकुर के नेतृत्व में टीम ने इस कठिन चुनौती को न सिर्फ स्वीकार किया बल्कि पूरी सफलता हासिल कर IGMC का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया।

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मरीजों को बाहर जाने की जरूरत कम

IGMC शिमला के कैंसर सर्जरी विभाग ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार बड़े और जटिल ऑपरेशन कर यह साबित कर दिया है कि हिमाचल के मरीजों को अब दिल्ली AIIMS या चंडीगढ़ PGI जाने की मजबूरी नहीं है। प्रदेश के भीतर ही उच्च स्तर की कैंसर सर्जरी उपलब्ध है। 

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