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August 23, 2025

सीएम सुक्खू ने बंद कमरे में रजनी से की चर्चा, प्रदेश अध्यक्ष पद को सुझाए नाम; गरमाई सियासी

सीएम सुक्खू बोले-प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए रजनी पाटिल को सुझाए हैं कुछ नाम

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शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में संगठन के गठन को लेकर एक बार फिर सरगर्मी तेज हो गई है। बीते 9 महीने से बिना संगठन के चल रही कांग्रेस में अंतर्कलह अब खुलकर सामने आने लगी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और होली लॉज खेमे के बीच की खींचतान संगठन गठन में सबसे बड़ी रुकावट बन गई है। शनिवार को इसी मुद्दे पर प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल की मुख्यमंत्री सुक्खू और ठियोग विधायक कुलदीप राठौर के साथ अलग.अलग बैठकें शिमला के सिसिल होटल में हुईं।

सीएम सुक्खू ने की रजनी पाटिल से मुलाकात

बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पार्टी के कार्यक्रमों और संगठन को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने यह भी साफ किया कि उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए किसी एक नाम की सिफारिश नहीं की है और सभी नेता उनके लिए समान हैं। लेकिन सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री ने अपनी पसंद के कुछ नाम प्रभारी के समक्ष जरूर रखे हैं, जिनमें मंत्री अनिरुद्ध सिंह, विधायक संजय अवस्थी, सुरेश कुमार और विनोद सुल्तानपुरी के नाम प्रमुख हैं। इन नामों पर विरोधी खेमे ने तीखा ऐतराज जताया है।

 

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गुटबाजी के कारण अटका फैसला

प्रदेश कांग्रेस में संगठन का गठन लंबे समय से लटका हुआ है, और इसकी मुख्य वजह है पार्टी के भीतर जारी गुटबाजी। सुक्खू गुट जहां अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अपने करीबी नेताओं को संगठन में जगह दिलाने की कोशिश कर रहा है, वहीं होली लॉज खेमे का नेतृत्व प्रतिभा सिंह, विक्रमादित्य सिंह और उनके समर्थक कर रहे हैं। ये गुट सुक्खू के किसी भी करीबी को अध्यक्ष पद पर नहीं देखना चाहते।

 

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वोट चोर गद्दी छोड़ कार्यक्रम में भी खुलकर दिखी थी गुटबाजी

इसी टकराव का नजारा बीते शुक्रवार को शिमला में उस वक्त देखने को मिला, जब कांग्रेस कार्यालय में आयोजित वोट चोर गद्दी छोड़ो कार्यक्रम के दौरान सुक्खू और विक्रमादित्य समर्थकों के बीच जमकर नारेबाजी हुई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सभी मंत्री, विधायक और खुद रजनी पाटिल मौजूद थीं। इसके बावजूद दोनों खेमों के कार्यकर्ताओं ने एक.दूसरे के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किया, जिससे पार्टी की अंदरूनी खाई एक बार फिर उजागर हो गई।

 

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कुलदीप राठौर हाईकमान की पहली पसंद

सूत्रों की मानें तो हाईकमान एक बार फिर कुलदीप राठौर को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपना चाहता है। हालांकि राठौर इस जिम्मेदारी को दोबारा संभालने के लिए इच्छुक नहीं हैं। वे पहले भी इस पद पर रह चुके हैं और पार्टी में हो रही गुटबाजी को देखते हुए फिलहाल दूरी बनाए रखना चाहते हैं। हालांकि, राठौर को मनाने की कोशिशें जारी हैं। इसी के चलते आज रजनी पाटिल ने मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ बैठक के बाद राठौर से अलग से मुलाकात की। माना जा रहा है कि वह अब दिल्ली जाकर कांग्रेस हाईकमान को पूरी रिपोर्ट सौंपेंगी, जिसके बाद अगले कुछ दिनों में प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर अंतिम फैसला हो सकता है।

 

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नए नामों की एंट्री से बढ़ी पेचिदगियां

गुटबाजी के बीच अध्यक्ष पद की दौड़ में कई नए नाम भी उभरकर सामने आए हैं। सुक्खू गुट के विरोध के चलते अब आशीष बुटेल, विनय कुमार और खुद उपमुख्यमंत्री विक्रमादित्य सिंह खेमे के करीबी रोहित ठाकुर का नाम भी चर्चा में है। रोहित ठाकुर हाल ही में दिल्ली में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर चुके हैं, जिसके बाद से वे भी अध्यक्ष पद के दावेदारों में शुमार हो गए हैं।

संगठन विहीन कांग्रेस, धरातल पर जड़ें कमजोर

प्रदेश कांग्रेस पिछले 9 महीने 17 दिन से बिना संगठन के काम कर रही है। 6 नवंबर 2024 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर की कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। तब से लेकर अब तक कोई स्थायी संगठन नहीं बन पाया है। इस कारण पार्टी की जमीनी गतिविधियां ठप पड़ गई हैं।

 

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बीते दिनों कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी कई विधायकों ने संगठन गठन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार तक संगठन को 'पैरालाइज्ड' बता चुके हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी कई बार हाईकमान से संगठन गठन की मांग कर चुकी हैं, मगर अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।

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