#राजनीति
November 13, 2025
क्या CM सुक्खू ने किया भेदभाव? BJP के गढ़ से 41 डॉक्टरों का तबादला, उठने लगे सवाल
BJP ने इसे मंडी जिले के साथ भेदभाव और राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया है
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मंडी। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा मंडी जिले के नेरचौक स्थित लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज से 41 डॉक्टरों के तबादले के आदेश जारी किए जाने के बाद राज्य की राजनीति में नया विवाद छिड़ गया है।
सरकार का कहना है कि यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं के पुनर्गठन और डॉक्टरों के अलग-अलग कैडर बनाए जाने के बाद उठाया गया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इसे मंडी जिले के साथ भेदभाव और राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया है।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने इस निर्णय को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला है। उनका कहना है कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज से एक साथ 41 डॉक्टरों का तबादला करना कांग्रेस सरकार की मंडी विरोधी मानसिकता को उजागर करता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंडी के संस्थानों को कमजोर करने की “सोची-समझी साजिश” पर काम कर रहे हैं। जमवाल ने कहा “दो दिन पहले मुख्यमंत्री मंडी में कार्यक्रम के दौरान खुद को मंडी का संरक्षक बता रहे थे और जनता के सामने भावनाएं दिखा रहे थे। लेकिन शिमला लौटते ही उनका असली चेहरा सामने आ गया।
एक झटके में मेडिकल कॉलेज से 41 डॉक्टरों को हटा देना यह दर्शाता है कि सरकार मंडी की जनता से स्वास्थ्य सुविधाएं छीनना चाहती है। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार के तीन साल के कार्यकाल में मंडी को लगातार उपेक्षा और भेदभाव का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यकाल में मंडी को शैक्षणिक पहचान देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था, उसे अब कमजोर करने की साजिश चल रही है। “100 से अधिक कॉलेजों को इस विश्वविद्यालय से अलग कर शिमला विश्वविद्यालय से जोड़ा गया है। अब मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को हटा दिया गया है। यह सब मंडी की संस्थागत पहचान मिटाने का सुनियोजित प्रयास है।
भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सरकार मंडी को निशाना इसलिए बना रही है क्योंकि जिले की 10 में से 9 विधानसभा सीटें भाजपा के पास हैं। पार्टी प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री और उनकी टीम राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है, न कि जनहित को ध्यान में रखकर।
उन्होंन कहा कि जब मंडी के लोगों ने कांग्रेस को वोट नहीं दिया, तो अब सरकार उनसे बदला ले रही है। न नए संस्थान खोले जा रहे हैं, न पुराने को सशक्त किया जा रहा है- उल्टा जो काम चल रहे थे, उन्हें बंद या कमजोर किया जा रहा है।
भाजपा विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक मंच से वादा किया था कि प्रदेश के किसी भी क्षेत्र के साथ भेदभाव नहीं होगा, परंतु मंडी के साथ किए जा रहे फैसले उनके शब्दों के उलट हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार विकास कार्यों पर ताले जड़ रही है, विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता घटा रही है, और अब स्वास्थ्य सेवाओं को भी ठप करने की दिशा में बढ़ रही है।उन्होंने कहा कि मंडी की जनता ने हमेशा प्रदेश को नेतृत्व दिया है, लेकिन सुक्खू सरकार ने इसी मंडी को निशाना बनाया है। हम इस अन्याय को चुपचाप नहीं सहेंगे
भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा है कि अगर सरकार ने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी। राकेश जमवाल ने कहा कि पार्टी मंडी के सम्मान और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्यव्यापी जनआंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रही है। मंडी की जनता अब झूठे वादों और भावनात्मक भाषणों में नहीं आने वाली। यह धरती वीरों की है, और यहां के लोग अपने संस्थानों की रक्षा के लिए एकजुट होकर खड़े होंगे।
उधर, सरकार और स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि डॉक्टरों के तबादले नियमित प्रक्रिया का हिस्सा हैं, और यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं को संतुलित रूप से सभी जिलों में उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है। उनका कहना है कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की कमी नहीं होने दी जाएगी, और आवश्यकता अनुसार नए डॉक्टरों की तैनाती भी की जाएगी।