#राजनीति
October 16, 2025
होलीलॉज समर्थक राठौर की संभावित ताजपोशी से पहले सियासी समीकरण साधने दिल्ली पहुंचे सीएम सुक्खू!
अध्यक्ष पद पर सियासी संग्राम अंतिम दौर में, हाईकमान के दरबार पहुंचे सीएम सुक्खू
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शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद को लेकर लंबे समय से चल रही खींचतान अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। पार्टी के दो प्रमुख गुट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समर्थक और होली लॉज समर्थक इस पद के लिए अपने-अपने प्रत्याशी को आगे बढ़ाने में लगे थे। लेकिन अब कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर का नाम इस दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।
दिल्ली में डटे राठौर की कांग्रेस अध्यक्ष पद पर ताजपोशी लगभग तय मानी जा रही है। इसी बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री सुक्खू का दिल्ली दौरे पर रवाना होना हिमाचल कांग्रेस के अंदर हलचल को और तेज कर गया है। माना जा रहा है कि यह दौरा प्रदेश अध्यक्ष के मसले पर अंतिम बातचीत के लिए है।
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होली लॉज और सुक्खू गुट के बीच चली खींचतान में अंततः राठौर की संगठन क्षमता और हाईकमान के साथ समीकरण भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू का दिल्ली दौरा इस पूरे घटनाक्रम को अंतिम मोड़ तक पहुंचा सकता है। अब सभी की निगाहें दिल्ली दरबार पर टिकी हैं, जहां से जल्द ही कांग्रेस के नए कप्तान का एलान होने की पूरी संभावना है।
दरअसल हिमाचल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का चयन लंबे समय से होलीलॉज और सुक्खू गुट की खींचतान के चलते लटका हुआ था। कांग्रेस हाईकमान भी दोनों गुटों की कशमकश के चलते कोई निर्णय नहीं ले पा रहा था। लेकिन अब माना जा रहा था कि हाईकमान ने कुलदीप राठौर का नाम प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लगभग फाइनल कर दिया है। इस तरह की खबरों के बीच अब सीएम सुक्खू के दिल्ली दौरे ने सियासी माहौल को गरमा दिया है।
हिमाचल कांग्रेस के पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके कुलदीप राठौर वीरभद्र सिंह और होलीलॉज के काफी निकटतम माने जाते हैं। होलीलॉज समर्थक भी कुलदीप राठौर को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की पैरवी कर चुके हैं। खुद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी कुलदीप राठौर का नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे बढ़ाया था। प्रतिभा सिंह ने तो वीरभद्र की प्रतिमा अनावरण के मंच से भी कुलदीप राठौर की जमकर तारीफ की थी।
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वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री सुक्खू गुट ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को अध्यक्ष बनाए जाने की पैरवी की। रोहित ठाकुर सुक्खू के करीबी माने जाते हैं और उन्हें विधानसभा व लोकसभा चुनावों में अहम जिम्मेदारियां भी दी गई थीं। हालांकि रोहित ठाकुर को लेकर समर्थन भी कम नहीं रहा, लेकिन दिल्ली में राठौर की पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और हिमाचल मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल के साथ हुई बैठकें निर्णायक साबित हुई हैं।
सूत्रों की मानें तो रजनी पाटिल अपनी रिपोर्ट में राठौर के नाम की सिफारिश कर चुकी हैं। अब केवल राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की अंतिम मंजूरी बाकी है, जो दिवाली से पहले किसी भी समय आ सकती है।
बताया जा रहा है कि कुलदीप राठौर को अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले के पीछे उनका संगठनात्मक अनुभव और चुनावी कामयाबी भी बड़ा कारण माना जा रहा है। कुलदीप राठौर 2019 से 2022 तक हिमाचल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। उनके कुशल नेतृत्व में चार उपचुनावों में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा को हराया था। जिनमें मंडी लोकसभा सीट और अर्की, फतेहपुर तथा जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीटें शामिल हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष पद का एलान दिवाली से पहले हो सकता है। यह भी तय माना जा रहा है कि जो भी अध्यक्ष बनेगा, वह अगले विधानसभा चुनाव तक पद पर बना रहेगा, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। नए अध्यक्ष के सामने सबसे पहली चुनौती दिसंबर में संभावित पंचायतीराज चुनाव होंगे। यदि चुनाव समय पर होते हैं तो संगठन गठन और तैयारी के लिए नए अध्यक्ष को महज डेढ़ महीना ही मिलेगा।