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September 22, 2025
हिमाचल में नवरात्रि की रौनक, देशभर से उमड़े श्रद्धालु- जयकारों से गूंजे शक्तिपीठ
विशेष सजावट और नौ दिन की पूजा-अर्चना
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही आस्था और भक्ति का महापर्व रंग पकड़ चुका है। देशभर से लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहाड़ों की गोद में बसे इन धामों की ओर उमड़ रहे हैं।
आधी रात से ही मंदिरों के कपाट खोल दिए गए और सुबह होते-होते लंबी कतारों में भक्त जयकारों के साथ माता के दरबार में पहुंचने लगे। हिमाचल के शक्तिपीठों में हर तरफ माता के जयकारों की गूंज है।
बिलासपुर के मां नैना देवी मंदिर के कपाट रात 2 बजे ही खोल दिए गए थे। ऊना स्थित मां चिंतपूर्णी मंदिर सुबह 4 बजे और कांगड़ा जिले के मां ज्वालाजी, मां बृजेश्वरी तथा मां चामुंडा देवी मंदिर सुबह 5 बजे से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। सुबह से ही इन मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें लग गईं। लोग हाथों में नारियल, चुनरी और फूल लेकर माता के दरबार में पहुंचे।
इस बार नवरात्रि पर केवल हिमाचल प्रदेश ही नहीं, बल्कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू व बाहरी देशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। कुछ भक्त परिवार सहित तो कुछ युवा समूहों में माता के जयकारों के साथ मंदिरों की ओर पैदल चढ़ाई कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, नवरात्रि के पहले ही दिन भीड़ का स्तर ऐसा है जैसा आमतौर पर आठवें या नौवें दिन देखने को मिलता है।
शक्तिपीठों के अलावा प्रदेश के अन्य मंदिरों में भी नवरात्रि का उल्लास दिख रहा है। शिमला का कालीबाड़ी मंदिर, सिरमौर का बालासुंदरी मंदिर, सोलन का मां शूलिनी मंदिर और शिमला का मां हाटेश्वरी मंदिर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं।
नवरात्रि के अवसर पर सभी प्रमुख शक्तिपीठों को रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। माता के नौ स्वरूपों की नौ दिन तक विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। मंदिरों में दुर्गा सप्तशती, सप्तचंडी पाठ और विशेष हवन आयोजित हो रहे हैं।
नवरात्रि केवल आस्था का पर्व नहीं, बल्कि शक्ति पीठों से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं को जानने का अवसर भी है।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पांचों शक्तिपीठों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस जवानों के साथ होमगार्ड, सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन निगरानी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
मां नैना देवी मंदिर और मां चिंतपूर्णी मंदिर में करीब 450-450 पुलिस व होमगार्ड जवान तैनात किए गए हैं। सभी पांच शक्तिपीठों में मिलाकर 1200 से अधिक जवान सुरक्षा संभाल रहे हैं। असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए CCTV और ड्रोन कैमरों की मदद ली जा रही है।
नवरात्रि का यह उत्सव केवल धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ा अवसर है। मंदिरों के आसपास बने बाजारों में मिठाइयों, प्रसाद और धार्मिक सामग्री की दुकानों पर रौनक लौट आई है। होटल और धर्मशालाएं श्रद्धालुओं से खचाखच भरी हुई हैं। हिमाचल के शक्तिपीठों में नवरात्रि का यह नजारा दर्शाता है कि आस्था की डोर कितनी मजबूत है और किस तरह यह पर्व प्रदेश को पड़ोसी राज्यों से जोड़ता है।