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September 21, 2025
हिमाचल हाईकोर्ट की फटकार के बाद यहां बंद हुई टोल की वसूली, हटाए गए बैरियर- जानें
यात्रियों और स्थानीय लोगों ने जताई संतुष्टि
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद शनिवार से सनवारा टोल प्लाजा पर वसूली बंद कर दी गई है। सुबह से ही टोल प्लाजा पर लगे बैरियर (बूम) हटा दिए गए और वाहनों की आवाजाही बिना शुल्क के शुरू हो गई।
इससे अब वाहन चालकों को शिमला और चंडीगढ़ के बीच सफर करने के लिए अतिरिक्त बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। यह राहत उस समय मिली है जब हाईवे की हालत लंबे समय से बदहाल बनी हुई थी।
परवाणू से सोलन तक बने पहले चरण के फोरलेन की स्थिति बेहद खराब है। खासकर चक्कीमोड़ क्षेत्र में सड़क पिछले दो वर्षों से दुरुस्त नहीं हो पाई है। बरसात के दिनों में तो हालात और बिगड़ जाते हैं, जब पहाड़ियां दरकने लगती हैं और यात्रियों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है। स्थानीय लोग और पर्यटक लंबे समय से मांग कर रहे थे कि जब सड़क की स्थिति दयनीय है तो टोल वसूली का कोई औचित्य नहीं बनता।
जानकारी के मुताबिक, इस टोल प्लाजा से प्रतिदिन लगभग 12 से 15 हजार वाहन गुजरते हैं और लाखों रुपये का राजस्व एकत्र होता है। बावजूद इसके सड़क पर न तो समुचित मरम्मत हो रही है और न ही सुरक्षित सफर की गारंटी।
यही वजह रही कि जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 30 अक्तूबर तक टोल वसूली रोकने के आदेश दिए और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क की हालत सुधारने के निर्देश दिए।
यह पहला मौका नहीं है जब टोल पर रोक लगी हो। साल 2023 में भी भारी बरसात के दौरान सड़क ध्वस्त होने पर तत्कालीन उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने वसूली बंद करवाई थी। उस समय पंचायत प्रतिनिधियों ने साफ कहा था कि जब सड़क यात्रा योग्य नहीं है तो टोल वसूली अन्यायपूर्ण है। तब भी सड़क के बदहाल हालात को देखते हुए प्रशासन को मजबूरन टोल रोकना पड़ा था।
वसूली बंद होने की खबर मिलते ही हाईवे पर आवाजाही करने वाले वाहन चालकों और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। उनका कहना है कि जब तक सड़क को पूरी तरह दुरुस्त नहीं किया जाता, तब तक टोल वसूली शुरू नहीं होनी चाहिए। कई पर्यटकों ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हाईवे पर सफर अब पहले से आसान लगेगा।
लोगों का कहना है कि अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण किस तरह सड़क की मरम्मत और रखरखाव पर ध्यान देता है। हाईकोर्ट का आदेश फिलहाल 30 अक्तूबर तक लागू रहेगा, लेकिन उसके बाद का फैसला सड़क की हालत पर ही निर्भर करेगा।