#विविध
September 22, 2025
हिमाचल के PWD मंत्री विक्रमादित्य की शादी आज : शाम को होगा नई दुल्हन का गृह प्रवेश
पंजाब की डॉक्टर संग गुरुद्वारे में आनंद कारज होंगे
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री व स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह आज शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। आज चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित गुरुद्वारा साहिब आनंद कारज होंगे।
विक्रमादत्यि सिंह पंजाब यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमरीन कौर के साथ शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह अपनी मां प्रतिभा सिंह, बहन, बहनोई और कुछ खाश दोस्तों के साथ चंडीगढ़ शादी करने आए हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : घर पहुंची शहीद की पार्थिव देह, तिरंगे में लिपटे बलदेव को देख बेसुध हुई मां और पत्नी
शादी समारोह चंडीगढ़ के सेक्टर-2 में अमरीन के घर में आयोजित किया जाएगा। फिर दोपहर एक बजे लंच का कार्यक्रम रख गया है। इसके बाद शाम को विक्रमादित्य सिंह अपनी नई-नवेली दुल्हन के साथ चंडीगढ़ से शिमला के लिए रवाना हो जाएंगे। यानी शाम को नई दुल्हन का गृह प्रवेश होगा।
विक्रमादित्य सिंह की होने वाली पत्नी डॉ. अमरीन कौर पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उनका परिवार लंबे समय से शिक्षा और न्यायिक सेवा से जुड़ा रहा है।
उनके पिता जोतिंदर सिंह सेखों पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, जबकि माता सरदारनी उपिंदर कौर समाजसेवा और सामाजिक गतिविधियों से जुड़ी रही हैं। डॉ. अमरीन कौर ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की है और इस वक्त चंडीगढ़ के सेक्टर-2 में अपने परिवार के साथ रहती हैं। यह उनकी पहली शादी होगी।
आज शादी में सिर्फ करीबी रिश्तेदारों के पहुंचने की ही संभावना है। यह विक्रमादित्य सिंह की दूसरी शादी है। हालांकि, इस शादी को लेकर विवादित पहलू भी सामने आए हैं। विक्रमादित्य की पहली पत्नी सुदर्शना सिंह अमरीन कौर को लेकर पहले कई आरोप लगा चुकी हैं।
विदित रहे कि सुदर्शना ने दावा किया था कि, यह सब विक्रमादित्य की प्रेमिका अमरीन सिंह के इशारे पर हो रहा था। उन्होंने कहा कि शादी से पहले ही विक्रमादित्य का संबंध अमरीन से था और वे अमरीन से ही विवाह करना चाहते थे। लेकिन एक पंडित ने उन्हें बताया कि यदि उन्होंने अमरीन से पहले शादी की तो उनकी मृत्यु हो सकती है। इस डर के चलते उन्होंने सुदर्शना से शादी की।
सुदर्शना ने बताया कि उनके परिवार को राजपरिवार होने के कारण उनके प्रति विश्वास था और करोड़ों रुपये खर्च करके यह शादी संपन्न हुई। पहले तो उन्हें सम्मान मिला, लेकिन वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा। उनके अनुसार, उन्हें अपमानित किया गया, उनके स्त्रीधन और जेवरात नहीं लौटाए गए, जिनमें सोने-चांदी और हीरा जड़ित आभूषण शामिल हैं।