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July 18, 2025

किन्नर कैलाश यात्रा पर लगी रोक, जानें क्या है वजह और अब कब शुरू होगी दोबारा

भोले बाबा के दर्शन करने आते हैं देश-विदेश से श्रद्धालु

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Kinner Kailash Yatra 2025

रिकांगपिओ। हिमाचल प्रदेश में मौसम अभी खराब बना हुआ है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में अगले कुछ दिन भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। खराब मौसम को देखते हुए किन्नौर जिला प्रशासन ने प्रतिष्ठित और अत्यंत कठिन मानी जाने वाली किन्नर कैलाश यात्रा पर रोक लगा दी गई है।

किन्नर कैलाश यात्रा पर रोक

प्रशासन ने किन्नर कैलाश यात्रा को असुरक्षित घोषित करते हुए स्थगित कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि जब तक मौसम साफ नहीं हो जाता तब तक यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मौसम अनकूल होने और रास्ते साफ होने के बाद ही यात्रा शुरू की जाएगी।

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कब से होनी थी शुरू?

आपको बता दें कि किन्नर कैलाश यात्रा बीते मंगलवार को ही शुरू की गई थी। यह यात्रा 30 अगस्त तक चलनी है, लेकिन खराब मौसम के चलते ही इसे कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया है।

मौसम विभाग ने दी चेतावनी

दरअसल, मौसम विभाग ने 21 से 23 जून तक प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी है। ऐसे में यात्रा पर भक्तों का जाना सुरक्षित नहीं होगा। इसी को देखते हुए प्रशासन ने यात्रा को स्थगित कर दिया है।

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दर्शन करने आते हैं हजारों श्रद्धालु

बता दें कि प्रति वर्ष जुलाई के माह में ही इस यात्रा को शुरू करवाया जाता है। अत्यंत कठिन माने जाने वाली इस यात्रा को पूरा करने और भोलेनाथ के दर्शन के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु किन्नौर पहुंचते हैं। 

किसको मिलेगी अनुमति?

ध्यान रहे कि किन्नौर कैलाश यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को 200 रुपये ग्रीन शुल्क जमा करवाना होगा- नहीं तो उन्हें यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस संदर्भ में प्रशासन द्वारा सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं। यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को 11 जुलाई से ऑनलाइन पोर्टल और 14 जुलाई से ऑफलाइन सेवा मिलेगी।

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मेडिकल जांच भी जरूरी

यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को तंगलिंग बेस कैंप पर मेडिकल फिटनेस जांच के बाद ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी। सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही यात्रा शुरू करने की अनुमति होगी। इसके बाद सुरक्षा कारणों से आगे बढ़ने पर प्रतिबंध रहेगा। मेलिंगखटा से आगे किन्नर कैलाश की ओर यात्रा करने वालों को रात 1 बजे से सुबह 6 बजे तक ही अनुमति दी जाएगी और इस दौरान किसी को बीच रास्ते में रुकने की इजाजत नहीं होगी।

स्वास्थ्य व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

यात्रा मार्ग में क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया दल) की टीम मेलिंगखटा और गुफा के पास तैनात रहेगी। साथ ही श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी तंगलिंग, मेलिंगखटा और गुफा के पास मौजूद रहेंगी।

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मेलिंगखटा में टैंट की व्यवस्था

श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए मेलिंगखटा में 70% टैंट स्थानीय लोगों द्वारा लगाए जाएंगे जबकि 30% टैंट नीलामी के आधार पर अन्य आवेदकों को दिए जाएंगे। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मेलिंगखटा के अतिरिक्त यात्रा मार्ग पर कहीं भी रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आस्था और परीक्षा का संगम है ये यात्रा

किन्नर कैलाश यात्रा को हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। इसे भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है। समुद्रतल से करीब 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिए हर वर्ष देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह यात्रा कठिन ट्रेकिंग मार्गों, ऊंचाई और मौसम की अनिश्चितताओं के कारण बेहद चुनौतीपूर्ण मानी जाती है।

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 प्रशासन की अपील

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे अनावश्यक जोखिम न लें, समय सीमाओं का पालन करें और निर्धारित ठहराव स्थलों पर ही रुकें। केवल स्वस्थ और शारीरिक रूप से सक्षम लोग ही इस कठिन यात्रा में शामिल हों, ताकि आस्था की यह यात्रा सुरक्षित और सफलतापूर्वक पूरी की जा सके।

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