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July 18, 2025
हिमाचल की इन 2 चोटियों में बादल फटने से टूटा था कहर, कई गांव बहे- इतने लोग अभी भी लापता
सराज की ऊंची चोटियों से फटा बादल, पांडवशिला से थुनाग तक तबाही की लकीरें
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में 30 जून की रात को आई तबाही ने वहां के लोगों को जिंदगी भर के जख्म दिए हैं। बताया जा रहा है कि 2 चोटियों में फटे बादल के कारण कई क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ गए, जिस वजह से घर के घर बर्बाद हो गए।
शिकारी माता और रोहांडी की चोटियों से फटे बादलों ने थुनाग, रुकचूई, प्याला, देजी, भराड़ और पांडवशिला जैसे कई गांवों को बर्बादी में बदल दिया। ये दोनों चोटियां 11,020 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं, जहां से तबाही ने नीचे उतरते हुए जीवन के कई निशान मिटा दिए।
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शिकारी की चोटियों से निकला पानी दो हिस्सों में बंट गया। आधा पानी करसोग के सनारली की ओर गया, जबकि बाकी हिस्सा क्योल नाले से होते हुए पांडवशिला, जरोल और लंबाथाज तक कहर बरपाता चला गया। मिट्टी, पेड़, चट्टानें और घर सबकुछ बहा ले गया।
रुकचूई गांव इस आपदा का सबसे दर्दनाक चेहरा बना। यहां की बालू देवी, देजी के मुकेश कुमार के पांच परिजन और इंद्र सिंह के परिवार के चार सदस्य एक ही रात रसोई समेत बह गए। वहीं, शेर सिंह के घर में ठहरे बल्ह हलके के टीजीटी शिक्षक सोहन सिंह भी इस सैलाब की भेंट चढ़ गए।
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SDRF की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है, लेकिन अब तक 11 लापता लोगों का कोई अता-पता नहीं चला। कुल मृतकों की संख्या 17 को पार कर चुकी है। रुकचूई निवासी अच्छर सिंह ने बताया कि रात करीब साढ़े 9 बजे बारिश शुरू हुई और एक घंटे के भीतर नाले राक्षस बन गए।
गांव के बुजुर्गों के अनुसार, इन नालों में आज तक इतना पानी कभी नहीं आया था। लेकिन 30 जून की रात इन नालों ने गांव की यादें, रिश्ते और इतिहास बहा डाला।