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December 8, 2025
हिमाचल : एक छात्र की शिकायत पर जागी पुलिस, दबंगई का खुलासा- 5 साल की रिपोर्ट होगी तलब
चंबा कॉलेज, सैनिक स्कूल के ताजा मामलों के बाद मचा हड़कंप
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग के गंभीर आरोपों ने सरकार से लेकर पुलिस प्रशासन तक को बेचैन कर दिया है। हाल ही में सामने आए रैगिंग और शारीरिक उत्पीड़न के मामलों के बाद हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं।
चंबा मेडिकल कॉलेज और सुजानपुर सैनिक स्कूल से लगातार सामने आए मामलों ने पुलिस प्रशासन को कठोर कदम उठाने को मजबूर कर दिया है। पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने प्रदेशभर के सभी जिलों के SP's से पिछले पांच साल के रैगिंग मामलों का पूरा रिकॉर्ड तलब कर लिया है।
DGP कार्यालय की ओर से जारी निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि कितने मामले दर्ज हुए, किस स्तर पर जांच पहुंची, कितनों में कार्रवाई हुई और कितने अब भी लंबित पड़े हैं- इसकी विस्तृत रिपोर्ट तुरंत भेजी जाए। यह पहला मौका है जब पुलिस निदेशालय ने पूरे राज्य में रैगिंग से जुड़ी घटनाओं की एक साथ जानकारी मांगी हो और इसे गंभीर संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
आपको बता दें कि बीती 2 दिसंबर को चंबा मेडिकल कॉलेज के जूनियर MBBS छात्र ने जब हिम्मत जुटाकर रैगिंग की शिकायत दर्ज करवाई थी। शुरुआती जांच में यह एक साधारण प्रकरण माना गया। मगर बाद में हुई जांच में जो खुलासा हुआ, उसने कॉलेज प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया।
जांच में सामने आया कि सीनियर छात्र पूरे एक साल से जूनियरों को अपने कमरों में बुलाकर ‘इंट्रो’ और अन्य दबावपूर्ण गतिविधियां करवाते रहे। जिसके बारे में न एंटी रैगिंग कमेटी को पता चला और न ही फ्लाइंग स्क्वायड को।
यह खुलासा इसलिए और चौंकाता है क्योंकि फ्लाइंग स्क्वायड का गठन नियमित निरीक्षण और रात के समय हॉस्टल राउंड लेने के लिए किया गया था। लेकिन या तो निरीक्षण नहीं हुआ या फिर बेहद सतही ढंग से किया गया। इसी लापरवाही ने सीनियर छात्रों को खुली छूट दे दी।
वहीं, मामले की जांच एंटी रैगिंग कमेटी को सौंपने के बाद एक प्रशिक्षु MBBS छात्र को 15 दिन के लिए निलंबित किया गया। तीन छात्रों से लिखित माफीनामा लेकर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता के अनुसार, कॉलेज प्रबंधन रैगिंग को लेकर शून्य सहनशीलता नीति पर काम कर रहा है और दोषियों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
उधर, 3 दिसंबर को सुजानपुर सैनिक स्कूल में नाबालिग छात्र ने छह सीनियर छात्रों और दो वार्डनों पर रैगिंग तथा शारीरिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए। यह मामला सामने आते ही स्कूल प्रबंधन के रवैये और एंटी रैगिंग कमेटी की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहनै है कि सैनिक स्कूल जैसे अनुशासन आधारित संस्थान में ऐसी घटनाओं का सामने आना बेहद चिंताजनक है।
परिजनों का आरोप है कि छात्र लंबे समय से दबाव में था, और शिकायत न करने पर उसे डराया-धमकाया जाता था। अब मामला पुलिस के पास है और स्कूल प्रशासन से भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
चंबा और सुजानपुर के इन दोनों मामलों ने पुलिस मुख्यालय को सख्ती दिखाने के लिए मजबूर कर दिया है। DGP कार्यालय ने सभी जिलों से पिछले पांच साल का डाटा इसलिए तलब किया है-ताकि रैगिंग की घटनाओं का ट्रेंड समझा जा सके कि-
पुलिस निदेशालय इस डेटा के आधार पर आगे कड़े दिशानिर्देश जारी कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, संबंधित संस्थानों को भविष्य में रैगिंग रोकथाम पर विशेष ऑडिट का सामना भी करना पड़ सकता है।
इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि कई संस्थानों में एंटी रैगिंग कमेटी और फ्लाइंग स्क्वायड मौजूदा रूप में प्रभावी साबित नहीं हो रहे। चंबा मेडिकल कॉलेज में तो कमेटी को एक साल तक रैगिंग का पता ही नहीं चला, जबकि सैनिक स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि शिकायतों को दबाया गया।