#अपराध
December 8, 2025
हिमाचल में 36 किलो चिट्टा बरामद : आठ हजार से ज्यादा तस्कर गिरफ्तार, महिलाएं भी शामिल
नशा तस्करों पर रखी जा रही है कड़ी निगरानी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ छेड़ी गई जंग अब पूरी रफ्तार में दिखाई दे रही है। सरकार जिस संकल्प और आक्रामक रणनीति के साथ “चिट्टा मुक्त हिमाचल” का अभियान चला रही है, वह अब सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई तक सीमित नहीं रहा।
यह एक बड़े जनांदोलन का रूप ले चुका है। पिछले तीन वर्षों में जिस स्तर पर कार्रवाई हुई है, उसके आंकड़े बताते हैं कि राज्य नशा तस्करी के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की दिशा में अब निर्णायक कदम उठा चुका है।
सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, तीन साल में 36.657 किलोग्राम चिट्टा सहित भारी मात्रा में अन्य मादक पदार्थ बरामद किए गए। यह हिमाचल की पहाड़ियों से लेकर शहरों तक फैले नशे के नेटवर्क पर जबरदस्त प्रहार है।
तीन साल में NDPS Act के 5642 मामले दर्ज, किए गए हैं और 8216 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इन आरोपियों में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। अभी भी ये कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है।
हाल ही में धर्मशाला के दाड़ी मैदान से पुलिस ग्राउंड तक वॉकथॉन का आयोजन हुआ। यहां CM सुखविंदर सिंख सुक्खू ने कड़े शब्दों में चिट्टा तस्करी पर कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा कि जो लोग बच्चों का भविष्य बर्बाद कर नशे का कारोबार करते हैं, उनके लिए देवभूमि हिमाचल में अब कोई जगह नहीं बची।
चाहे अपराधी कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसे जेल के बाहर नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार चिट्टे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है और इस नीति को और मजबूत करने के लिए कानूनी ढांचे को लगातार सख्त किया जा रहा है।
सरकार ने हाल ही में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को स्पेशल टास्क फोर्स में विलय और इसके बाद गृह विभाग के अधीन एक एकीकृत स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का गठन किया है। यह STF अब राज्य में नशा तस्करी, आपराधिक नेटवर्क, पैसों के लेन-देन और संगठित अपराध की जड़ों को तलाशने का काम करेगी। इसका लक्ष्य सिर्फ छोटे पेडलर्स को पकड़ना नहीं, बल्कि पूरा माफिया तंत्र तोड़ना है।
CM सुक्खू ने आम लोगों से नशे संबंधी किसी भी सूचना को पुलिस और संबंधित एजेंसियों से साझा करने की अपील की है। सरकार ने ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है। नशे के खिलाफ हिमाचल की लड़ाई को और मजबूत करने के लिए सरकार ने हाल में कई सख्त कानूनी प्रावधान लागू किए हैं।
नए विधेयकों में शामिल हैं-
सरकार ने पंचायत स्तर पर नशा निवारण समितियों का गठन, चिट्टा सेवन करने वालों और तस्करों की मैपिंगस, स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम और स्कूली पाठ्यक्रम में नया अध्याय जोड़ने का निर्णय लिया है, ताकि बच्चों को उसी उम्र में नशे के खतरों के बारे में समझाया जा सके।