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December 8, 2025

हिमाचल : श्मशान घाट के रास्ते में बनाया बगीचा, नहीं ले जाने दी महिला की देह- परिजनों ने काटा बवाल

दस साल से कब्जा करके बैठा व्यक्ति, मौके पर पहुंचे SDM

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Shimla news

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के एक गांव में रास्ते को लेकर तनावपूर्ण माहौल बन गया। दरअसल, दाह संस्कार के लिए जा रहे ग्रामीणों ने बंद पड़े रास्ते पर ही शव रखकर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया।

रास्ते को लेकर भड़का मामला

यह मामला उपमंडल कुमारसैन के भुट्टी पंचायत के बलावग गांव से सामने आया है। जहां करीब दस वर्षों से श्मशान घाट तक जाने वाले मार्ग पर निजी कब्जा होने के कारण लोगों को लगातार कठिनाई झेलनी पड़ रही थी। मामले ने तब तूल पकड़ा जब गांव की एक महिला के अंतिम संस्कार के लिए निकली यात्रा उस बंद रास्ते पर आकर अटक गई।

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शव रास्ते पर रखकर जताया रोष

ग्रामीण लंबे समय से इस कब्जे से परेशान थे, लेकिन रविवार को सब्र का बांध टूट गया। जहां रास्ता अवरुद्ध था, वहीं पर ग्रामीणों ने मृत शरीर को रख दिया और प्रशासन को कड़े शब्दों में चेताया कि अगर रास्ता तुरंत नहीं खोला तो शव को SDM कार्यालय लेकर पहुंच जाएंगे।

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SDM ने लिया सख्त एक्शन

स्थिति की गंभीरता को देखते ही SDM कुमारसैन मुकेश शर्मा पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने पहले मौके पर स्थिति का जायजा लिया और फिर मौके पर मौजूद विभागीय टीम को निर्देश देकर रास्ता तुड़वाकर तत्काल आवागमन के लिए खुलवाया। रास्ता खुलने के बाद ही ग्रामीण शव को श्मशान घाट तक ले जा पाए और अंतिम संस्कार पूरा हुआ।

दस साल परेशानी झेल रहे लोग

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि करीब एक दशक पहले गांव के ही एक व्यक्ति ने श्मशान घाट तक जाने वाले पैदल मार्ग पर अवैध कब्जा कर लिया था। कब्जाधारी ने उस संकरे रास्ते पर प्लम और नाशपाती के पेड़ लगाकर पूरा बगीचा तैयार कर दिया, जिससे नियमित रास्ता पूरी तरह बंद हो गया।

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पूरी तरह से रास्ता बंद

इसके बाद से लोगों को अंतिम संस्कार के लिए लंबा, ऊबड़-खाबड़ और जोखिमभरा रास्ता चुनना पड़ रहा था। ग्रामीणों ने बीते कई वर्षों में वन विभाग, स्थानीय पंचायत, पुलिस और प्रशासन को बार-बार अवगत करवाया, मगर हर बार केवल आश्वासन ही मिले। समस्या जस की तस बनी रही और लोगों का रोष धीरे-धीरे बढ़ता गया।

पेड़ों को काटने और कब्जा हटाने के आदेश

SDM मुकेश शर्मा ने मौके का निरीक्षण करने के बाद अवैध कब्जे को तुरंत हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को प्लम और नाशपाती के अवैध रूप से लगाए गए पेड़ों को काटने का आदेश जारी किया। इसके बाद विभागीय टीम ने कार्रवाई करते हुए रास्ते को पूरी तरह खाली करवाया और मार्ग को बहाल कर दिया।

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अब नहीं झेलनी पड़ेगी परेशानी

रास्ता खुलने के बाद गांववासियों ने राहत की सांस ली और प्रशासन के प्रति आभार जताया। ग्रामीणों ने कहा कि यह समस्या वर्षों पुरानी थी, लेकिन अब जाकर इसका स्थायी समाधान हुआ है। लोगों का कहना है कि श्मशान घाट जैसी संवेदनशील जगह तक पहुंचने में बाधा होना सामाजिक रूप से भी अस्वीकार्य स्थिति थी। प्रशासन की सख्त कार्रवाई से लंबे समय से चल रही परेशानी दूर हो गई है।

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