#विविध
December 10, 2025
हिमाचल आपदा में उफनता नाला पार कर बच्चे को लगाई थी वैक्सीन, अब मिला लाखों का इनाम
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल भी कर चुके हैं कमला देवी को सम्मानित
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मंडी। हिमाचल प्रदेश की बहादुर स्वास्थ्य कार्यकर्ता कमला देवी ने साबित किया कि समर्पण और मानवता जब दिल में हो, तो किसी भी मुश्किल का पहाड़ छोटा पड़ जाता है। जुलाई में आपदा के दौरान दो माह के शिशु को वैक्सीन लगाने के लिए उफनते नाले को कूदकर पार करने वाली इस आंगनबाड़ी/स्वास्थ्य कार्यकर्ता को सम्मानित किया गया है।
ऐसा पहली बार हुआ है कि जब हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र में कार्यरत किसी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष मान्यता मिली है। कमला देवी को देश की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने सम्मानित किया है।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि मंडी जिले की चौहारघाटी में जुलाई के महीने में लगातार बारिश से सड़कें ध्वस्त हो गई थीं। कई गांवों का संपर्क कट गया था, लेकिन इसी दौरान स्वाड गांव में एक दो महीने के नवजात को टीका लगाना जरूरी था।
कमला देवी उस समय PHC सुधार और साथ ही स्वाड उप-केन्द्र की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। रास्ते जगह-जगह टूट चुके थे, पहाड़ से पत्थर गिर रहे थे और स्वाड का नाला भारी बारिश से उफान पर था।
ऐसे में उन्होंने फैसला किया कि बच्चे तक पहुंचना ही उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। वैक्सीन बॉक्स को सुरक्षित पकड़े हुए, वह उफनते नाले को कूदकर पार कर गईं और गांव पहुंचकर बच्चे को समय पर वैक्सीन दी। उनकी यह तस्वीर और वीडियो पूरे देश में वायरल हो गया था, जिसने हर किसी को उनका मुरीद बना दिया।
देशभर के शिशुओं को दी जाने वाली ज्यादातर वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट बनाता है। जब कंपनी को यह पता चला कि एक महिला कार्यकर्ता ने उनकी ही बनी वैक्सीन बच्चे तक पहुंचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी, तो डॉ. पूनावाला ने तुरंत उन्हें सम्मानित करने का फैसला लिया।
कमला देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें जीवन में पहली बार इतनी सम्मानजनक यात्रा का अवसर मिला।कंपनी ने-
उन्होंने कहा कि इतने बड़े उद्योगपति से मिलना और अपने कार्य के बारे में उनके साथ बातचीत करना अपने आप में बहुत अलग अनुभव है। डॉ. पूनावाला ने उनसे ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र, वैक्सीन उपयोग और पहाड़ी क्षेत्रों की चुनौतियों के बारे में विस्तार से जाना।
कमला देवी की इस बहादुरी की खबर पहले ही हिमाचल प्रदेश के राजभवन तक पहुंच चुकी थी। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भी कमला देवी को साहस और कर्तव्यनिष्ठा के लिए प्रशंसा पत्र भेजा था।
कमला देवी का साहस सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि हिमाचल जैसे कठिन भूगोल में काम करने वाले हजारों स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के जज्बे मिसाल है। उन्होंने दिखाया कि सरकारी व्यवस्था में भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो अपनी जिम्मेदारी को केवल काम नहीं, बल्कि जनसेवा मानते हैं।