#अव्यवस्था

December 10, 2025

HRTC का आर्थिक संकट गहराया: सैलरी न मिलने से भड़के कर्मचारी, बसें खड़ी करने की चेतावनी

24 दिसंबर को बड़े आंदोलन की चेतावनी

शेयर करें:

himachal govt cris

शिमला। आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार के सामने हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) का असंतोष अब तेज़ होता जा रहा है। नौ दिन बीत जाने के बाद भी निगम अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पाया, जिसके चलते मंगलवार को शिमला के पुराने बस अड्डे के बाहर ड्राइवर-कंडक्टरों ने जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर अगले 15 दिनों में वेतन और वित्तीय लाभ जारी नहीं किए गए, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

बंद करना है तो HRTC बंद करो: यूनियन अध्यक्ष मान सिंह

ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि स्थिति यह हो गई है कि हर महीने सैलरी मांगने के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर HRTC बंद करना है, तो बंद कर दो। प्राइवेट को देना है, तो दे दो। लेकिन हमारा हक़, हमारा पैसा तो दो। जितना काम हम करते हैं, उतनी उपेक्षा कोई नहीं झेलता। मान सिंह ने कहा कि सरकार सिर्फ घाटे का हवाला देती है, जबकि कर्मचारियों के सालों पुराने भत्ते और एरियर अब तक रोके गए हैं।

यह भी पढ़ें : हिमाचल का वीर सपूत हवलदार संजीव पंचतत्व में विलीन, 8 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

आंदोलन की सबसे बड़ी रणनीति तैयार होगी

यूनियन ने 24 दिसंबर को बैठक बुलाने का फैसला लिया है। इसमें HRTC कर्मी तय करेंगे कि आंदोलन को किस स्तर तक ले जाना है। संकेत साफ हैं कि अगर बैठक में सहमति बनी, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल, बसें खड़ी करने और राज्यभर में चक्का जाम जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के रवैये को देखते हुए वे मजबूर हैं कि अब अंतिम निर्णय लिया जाए।

100 करोड़ से ऊपर लंबित

यूनियन ने बताया कि

  •  100 करोड़ से ज्यादा ओवर नाइट भत्ते लंबित हैं
  • 2016 से नई वेतनमान का एरियर अभी तक जारी नहीं हुआ
  • 5 साल से मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं

यह भी पढ़ें : कब जागेगी सुक्खू सरकार.. 8 दिन बीते-नहीं मिला HRTC कर्मियों को वेतन, बसें खड़ी करने की चेतावनी

कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार अपने ही विभाग का वेतन और उपचार खर्च नहीं दे पा रही, तो फिर संकट कितना गहरा है, इसका अंदाज़ा सरकार खुद ही लगा सकती है।

वर्कशॉप की दुर्दशा-कलपुर्जे नहीं, मैकेनिक नहीं

यूनियन अध्यक्ष ने निगम की वर्कशॉप व्यवस्था पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा- 

  • वर्कशॉप में कलपुर्जों की भारी कमी है
  • मैकेनिक पर्याप्त नहीं

फिर भी प्रबंधन खराब बसों को रूट पर भेजने का दबाव बना रहा है। ड्राइवर-कंडक्टरों का आरोप है कि यदि वे खराब बस चलाने से मना कर दें, तो उन्हें चार्जशीट की धमकी दी जाती है। कई बार तो रूट पर बस खराब हो जाती है, और गुस्साए यात्री ड्राइवर-कंडक्टरों के साथ मारपीट तक कर देते हैं।

यह भी पढ़ें : शिमला कार्निवाल में 4.30 लाख के चाय-पकौड़े डकार गए VIP, एक साल बाद भी नहीं चुकाया बिल

हम कब तक बिना सैलरी काम करें?

कर्मचारियों ने कहा है कि सरकार खुद मानती है कि HRTC घाटे में है, लेकिन उस घाटे की कीमत वे क्यों चुकाएँ? उनका कहना है कि हमने महामारी में भी पहाड़ों की सड़कों पर अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ी। हालात कैसे भी हों, सेवा जारी रखी। लेकिन अब हम अपने ही परिवार का पेट भरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

नोट : ऐसी ही तेज़, सटीक और ज़मीनी खबरों से जुड़े रहने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें

Related Tags:
ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख