#अपराध
February 13, 2025
हिमाचल पुलिस कांस्टेबल भी शाह गैंग का हिस्सा, अभी तक सलाखों के पीछे 35 लोग
सरकारी कर्मचारी, टैक्सी ऑपरेटर, छात्र और कारोबारी भी शामिल
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शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस नशा तस्करों की धर-पकड़ करने में जुटी हुई है। मगर वहीं कुछ पुलिसकर्मी वर्दी को दागदार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा मामला हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सामने आया है- यहां इंटरस्टेट नशा तस्कर शाह गैंग के तस्करों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।
जांच में पाया गया है कि चिट्टा तस्करी के इस नेटवर्क में एक पुलिस कांस्टेबल भी शामिल है। इतना ही नहीं सरकारी कर्मचारी, टैक्सी ऑपरेटर, छात्र और कारोबारी भी इस गैंग से जुड़े हुए हैं।
आपको बता दें कि अभी तक पुलिस इस गिरोह के मुख्य सरगना समेत 35 सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस टीम ने मनी ट्रेल और सलाखों के पीछे बैठे इस गैंग के सदस्यों से की पूछताछ के आधार पर इन आरोपियों तक पहुंचने में सफलता हासिल की है। अभी पुलिस को इस गैंग में और भी कई लोगों के शामिल होने का शक है।
इंटरस्टेट नशा तस्कर शाह गैंग ऑनलाइन माध्यम से नशा तस्करी के धंधे को अंजाम देता था। बीते कल पुलिस टीम ने शाह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया था- जिन्हें पुलिस कोर्ट में पेश कर पुलिस टीम ने 15 फरवरी तक के लिए पुलिस रिमांड पर ले लिया है।
SP शिमला संजीव गांधी ने बताया कि अभी तक शाह गैंग के 70 लोगों की पहचान हो चुकी है। इसमें नशा तस्करों के साथ नशे के आदी युवा भी शामिल हैं। इतना ही नहीं इस गिरोह में पुलिस कर्मचारी से लेकर हर वर्ग के लोग शामिल हैं।
इस गिरोह का मुख्य सरगना कोलकाता का संदीप शाह और दिल्ली का नीरज कश्यप है। संदीप पहले भी नशा तस्करी के कई मामलों में पकड़ा गया था। उन्होंने बताया कि यह गिरोह चिट्टे का ऑर्डर ऑनलाइन लेता था और अलग-अलग जगह पर चिट्टा सप्लाई करता था। इसकी पेमेंट UPI, स्कैनर व अन्य ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त करते थे।
उन्होंने बताया कि इस गैंग में 400 से अधिक पैडलर थे जो नशे की सप्लाई करते थे। पुलिस टीम ने अभी तक शाह गैंग के 51 बैंक खातों को फ्रीज किया है, जिनसे 5 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल का खुलासा हुआ है। शाह गैंग के तस्करों की मनी ट्रेल की जांच की है, जिसमें 4 से 5 करोड़ रुपये का लेन-देन होने का खुलासा हुआ है। जांच में यह सामने आया है कि शाह गैंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से ड्रग्स की सप्लाई चेन तैयार की थी। पुलिस के अनुसार, शाह गैंग के नेटवर्क से चिट्टे के मामलों में अधिकांश सप्लाई भेजी जाती थी।
SP ने बताया कि शिमला पुलिस पिछले छह माह से इस गिरोह का भंडाफोड़ करने में लगी थी। अब इस गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। इस गिरोह के मुख्य सरगना संदीप शाह को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है। संदीप शाह पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। ऐसे में उसने आधुनिक तकनीकों को इस्तेमाल करके करीब 400 लोगों का सिंडिकेट तैयार किया था-जो मिलकर तस्करी नेटवर्क में उसके लिए काम करते थे। बीते दिनों सरगना को पकड़ने के बाद अब पुलिस इसी सिंडिकेट से जुड़े पैडलरों को दबोच रही है।
विदित रहे कि पुलिस की यह कार्रवाई नशे पर बड़ी चोट मानी जा रही है। इससे ना सिर्फ नशा तस्करी को रोकने में मदद मिलेगी, बल्कि माना जा रहा है कि प्रदेश में नशे के कारोबार में भी कमी आएगी। इससे पहले भी शिमला पुलिस ने कई बड़े गैंग को पकड़ने में सफलता हासिल की है। पुलिस का मानना है कि इस गैंग के और भी कई सदस्य जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाए जाएंगे।
पुलिस जांच में संदीप शाह ने बताया कि वह एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करता था। उसका करीब 15 लाख रुपए का सालाना पैकेज था। लेकिन उसने उसे छोड़ दिया और चिट्टा तस्करी के धंधे में उतर आया। संदीप शाह पर एक दुष्कर्म का मामला भी दर्ज है। पुलिस संदीप शाह के पुराने रिकॉर्ड को खंगाल रही है और उसके अंतरराष्ट्रीय चिट्टा तस्करों के साथ कनेक्शन की संभावना भी जता रही है।
सॉफ्टयेवर इंजीनियर से चिट्टा तस्कर बने संदीप शाह ने इस तस्करी के धंधे को ऑनलाइन शुरू किया। सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के चलते उसे तकनीक के हर उस पहलू की जानकारी थी, जिससे आम आदमी और पुलिस भी कहीं न कहीं अनजान थी। संदीप शाह ने ऐसे लोगों को अपने गिरोह में शामिल किया, जो या तो बेरोजगार थे, या फिर नशे के आदी थे और उन्हें पैसों की जरूरत थी।
जांच में पता चला है कि संदीप शाह पिछले कई सालों से उत्तर भारत के पांच राज्यों में नशा तस्करी के इस अवैध कारोबार को कर रहा था। प्रारंभिक तथ्यों के अनुसार वह अब तक 25 से 30 करोड़ रुपए का चिट्टा तस्करी के धंधे को अंजाम दे चुका है। संदीप शाह के पाकिस्तान सहित विदेशों में अंतरराष्ट्रीय चिट्टा तस्करों के साथ कनेक्शन होने की भी संभावना है।
बताया जा रहा है कि संदीप शाह नशा तस्करी के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करता था, जिसमें दुनिया भर के लोग अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसमें हथियारों की तस्करी के अलावा, फिरौती, नशा तस्करी समेत अन्य अवैध गतिविधियों के लिए प्रयोग किया जाता है।