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June 19, 2025

19 तारीख बीत गई... HRTC पेंशनरों को कब मिलेगी पेंशन, सीएम सुक्खू याद करें अपना वादा

एचआरटीसी पेंशनरों ने परिवार सहित सड़कों पर उतरने की दी चेतावनी

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HRTC pensioners,

शिमला/मंडी। हिमाचल प्रदेश में हिमाचल पथ परिवहन निगम के पेंशनरों का गुस्सा एक बार फिर सातवें आसमान पर पहुंच गया है। इसका कारण उनको समय पर पेंशन ना मिलना है। एचआरटीसी पेंशनरों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को उनका दो माह पहले किया वादा भी याद दिलवाया है। जिसमें उन्होंने कहा था कि एचआरटीसी पेंशनरों को हर माह की 15 तरीख से पहले पेंशन मिल जाएगी। 

19 तारीख तक भी नहीं मिली पेंशन

हिमाचल पथ परिवहन पेंशनर कल्याण संगठन ने कहा कि सीएम सुक्खू ने दो माह पहले किया अपना वादा भी नहीं निभाया। आज महीने की 19 तारीख बीत जाने के बाद भी एचआरटीसी पेंशनरों को उनकी पेंशन नहीं मिली है। हर माह पेंशन का इंतजार करते करते अब एचआरटीसी पेंशनरों के सब्र का बांध टूट गया है। एचआरटीसी पेंशनर कल्याण संगठन मंडी इकाई के प्रतिनिधिमंडल ने डीसी मंडी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सरकार को सख्त आदेश देने की गुहार लगाई है।

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परिवार सहित सड़कों पर उतरेंगे पेंशनर्स

वहीं पथ परिवहन पेंशनर कल्याण संगठन हिमाचल प्रदेश ने सुक्खू सरकार को चेतावनी दे दी है कि अगर अगर सरकार और निगम प्रबंधन ने जल्द कोई ठोस समाधान नहीं निकाला, तो प्रदेशभर के 9000 पेंशनर अपने परिवारों सहित सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। संगठन के अध्यक्ष कृष्ण चंद चौहान ने कहा कि निगम से सेवानिवृत्त हुए पेंशनर लंबे समय से अपनी पेंशन के स्थाई समाधान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 

 

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सरकार से मिल रहे सिर्फ आश्वासन

पेंशनरों का कहना है कि लंबे समय से वे पेंशन के स्थायी समाधान और लंबित वित्तीय लाभों की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। पथ परिवहन पेंशनर कल्याण संगठन के अध्यक्ष कृष्ण चंद चौहान, उपाध्यक्ष सुरेंद्र गौतम, प्रधान देव राज ठाकुर ने बताया कि सीएम सुक्खू, डिप्टी सीएम ;जो परिवहन मंत्री भी हैं और निगम प्रबंधन से कई बार वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई हल नहीं निकला है।

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मंडी से भी फूटा आक्रोश

मंडी इकाई ने भी राज्यपाल को ज्ञापन भेजते हुए मुख्यमंत्री को उनका वह वादा याद दिलाया है। जिसमें उन्होंने दो महीने पहले कहा था कि पेंशनरों को हर महीने की 15 तारीख से पहले पेंशन मिल जाया करेगी। पेंशनर संगठन मंडी के अध्यक्ष अनूप कपूर ने कहा कि दो महीने बाद भी यह वादा अधूरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा बार.बार वादे तो किए जाते हैं, लेकिन अमल नहीं होता।

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300 पेंशनरों को नहीं मिला एक भी पैसा

उन्होंने कहा कि लगभग 9,000 एचआरटीसी पेंशनर पूरे प्रदेश में हैं, जिनमें 300 पेंशनर पिछले साल ही सेवानिवृत्त हुए हैं और उन्हें आज तक एक पैसा भी नहीं मिला। यह वरिष्ठ नागरिकों के साथ अन्याय है। सरकार का यह व्यवहार उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर कर रहा है। अगर जल्द सुनवाई नहीं हुई तो पहले क्रमिक अनशन और फिर आमरण अनशन तक का रास्ता अपनाया जाएगा।

बंद रूट फिर होंगे बहाल

पेंशनरों की नाराजगी के बीच एचआरटीसी से एक राहत की खबर भी सामने आई है। प्रदूषण के चलते बंद की गई दिल्ली रूट की वोल्वो बस सेवाएं अब फिर से शुरू होने जा रही हैं। एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने जानकारी दी है कि यूरो.6 मानकों वाली 24 नई वोल्वो बसें अगले 15 दिनों में शिमला पहुंच जाएंगी। इन बसों के लिए बैंगलोर से ड्राइवरों को रवाना कर दिया गया है।

प्रदेश में मिलेंगी 300 नई इलेक्ट्रिक बसें

अजय वर्मा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने नई बसों की खरीद को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले 11 महीनों में एचआरटीसी को करीब 300 नई इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी, जिससे 400 जर्जर बसों को हटाया जाएगा।

 

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एचआरटीसी के पेंशनरों की मांगें अब आक्रोश का रूप ले चुकी हैं। सरकार और निगम प्रबंधन की अनदेखी यदि यूं ही जारी रही तो सड़क से सचिवालय तक विरोध की लहर उठ सकती है। वहींए निगम के संचालन में सुधार की कोशिशें नई बसों की खरीद से जरूर दिख रही हैंए लेकिन पेंशनरों की उपेक्षा इस विकास पर सवाल खड़े कर रही है। अब देखना होगा कि सरकार इस गंभीर चेतावनी पर क्या कदम उठाती है।

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