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June 19, 2025

हिमाचल : 6 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई तय कर स्कूल पहुंचती थी वंशिका- अब बनेगी डॉक्टर

98.5% के साथ वंशिका ठाकुर ने पाई NEET में सफलता

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Vanshika Thakur

सिरमौर। किसी ने क्या खूब लिखा है कि- जो आसमान को छूने की हिम्मत रखते हैं, वहीं धरती पर मिसाल बनते हैं। जो गांव की गलियों से निकलते हैं कभी, वो नाम रोशन कर, सितारों में गिनते हैं। इन्हीं शब्दों को बखूरी चरितार्थ कर दिखाया है सिरमौर जिले की बेटी ने वंशिका ठाकुर ने।

वंशिका ने क्वालीफाई किया NEET

जिले के दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्र संगड़ाह उपमंडल की ग्राम पंचायत शामरा के गांव नाईचना (टिक्कर) की बेटी वंशिका ठाकुर ने NEET में शानदार सफलता हासिल कर पूरे क्षेत्र का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। छोटे से गांव से निकलकर राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में 511 अंक और 98.5 परसेंटाइल प्राप्त करना, वंशिका के कठिन परिश्रम, लगन और संकल्प का जीवंत उदाहरण है।

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कठिन रास्तों से चली सफलता की ओर

वंशिका की शिक्षा की शुरुआत ही संघर्षों से भरी रही। प्राथमिक स्तर की पढ़ाई के लिए उन्हें रोज़ाना 6 किलोमीटर की ऊबड़-खाबड़ और खड़ी चढ़ाई चढ़कर नाईचना से बोगधार जाना पड़ता था। लेकिन ये कठिन रास्ते ही उसकी कामयाबी की मजबूत नींव बन गए।

 

छठी से 12वीं तक की पढ़ाई SVN पब्लिक स्कूल, नाहन से की। वर्ष 2023 में जब 12वीं की परीक्षा दी तो साइंस स्ट्रीम में पूरे प्रदेश में 9वां स्थान हासिल कर अपने हुनर का पहला बड़ा झंडा गाड़ा।

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पहली असफलता नहीं बनी रुकावट

वर्ष 2024 में जब पहली बार NEET की परीक्षा दी तो वांछित सफलता नहीं मिली, लेकिन वंशिका ने हार नहीं मानी। बल्कि और अधिक आत्मविश्वास और अनुशासन के साथ तैयारी की और 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए देशभर में एक मजबूत स्थान अर्जित किया।

  • फिजिक्स में: 98 परसेंटाइल
  • केमिस्ट्री में: 95 परसेंटाइल
  • बायोलॉजी में: 97 परसेंटाइल

सेना परिवार से संस्कार और अनुशासन की विरासत

वंशिका एक फौजी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता रमेश कुमार ठाकुर भारतीय सेना से लांस नायक के पद से सेवानिवृत्त हैं और माता अनीता ठाकुर एक गृहिणी हैं। देश सेवा, अनुशासन और आत्मबल वंशिका को विरासत में मिला है, जिसे उन्होंने पढ़ाई में पूरी तरह ढाल दिया।

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