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December 4, 2025
हिमाचल : गांव से निकले पार्थ ने देशभर में किया टॉप, वायुसेना में बना बड़ा अफसर- रचा इतिहास
देशभर में पार्थ ने हासिल किया 63वां रैंक
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सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के एक बेटे ने अपना, अपने परिवार का और प्रदेश का नाम देशभर में रोशन कर दिया है। राजगढ़ उपमंडल के सेर जगास क्षेत्र के पार्थ चौहान ने भारतीय वायुसेना में शानदार सफलता हासिल की है।
पार्थ का चयन इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर पद के लिए हुआ है। देशभर में आयोजित चयन प्रक्रिया में उन्होंने 63वां रैंक प्राप्त कर प्रदेश और इलाके का नाम रोशन किया है।
पार्थ की इस सफलता के बाद परिवार में खुशी का माहौल है और पूरे क्षेत्र में बधाइयों का तांता लगा हुआ है।
पार्थ की ये सफलता युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद पार्थ ने मेहनत, अनुशासन और लक्ष्य पर फोकस रखते हुए एक प्रतिष्ठित पद हासिल किया है।
पार्थ की इस सफलता के साथ यह जानना भी जरूरी है कि भारतीय वायुसेना का फ्लाइंग ऑफिसर बनने के लिए युवाओं को किन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, NDA के माध्यम से
एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट, AFCAT के माध्यम से
NCC C-सर्टिफिकेट (एयर विंग) की खास एंट्री
भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में प्रवेश के लिए यह योग्यता आवश्यक है-
फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में चयनित उम्मीदवारों को बेहद कठिन और अनुशासित ट्रेनिंग से गुजरना होता है।
यह पद न केवल तकनीकी कौशल, बल्कि साहस, निर्णय क्षमता और अनुशासन की मांग करता है। फ्लाइंग ऑफिसर की ये जिम्मेदारियां होती हैं-
भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर की सैलरी भारत की सबसे प्रतिष्ठित सैन्य सैलरी संरचनाओं में से एक है। इसके अलावा अनेक भत्ते भी मिलते हैं। फ्लाइंग ऑफिसर की मंथली सैलरी ₹85,000 से ₹1,10,000 (लगभग) होती हैं।
पार्थ के गांव रतोली में ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटकर खुशी जाहिर की। परिवार ने कहा कि पार्थ बचपन से ही पढ़ाई में तेज था। वह वायुसेना में शामिल होना चाहता था और उसने लगातार तैयारी कर यह सपना पूरा किया।