#राजनीति
December 4, 2025
झूठ पकड़ा गया! CM सुक्खू का बयान अलग और विधानसभा में डाटा अलग- जानें कैसे फंसी सरकार
भाजपा का आरोप- ठंडे बस्ते में सरकार की योजना
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा महिलाओं को 1500-1500 रुपये देने के चुनावी वादे पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। बिहार में सीएम द्वारा दिए एक बयान को लेकर सदन में बवाल मच गया है और CM सुक्खू अपने ही दिए गए बयान में उलझ गए हैं।
दरअसल, हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दावा किया था कि हिमाचल में 2.87 लाख महिलाओं को 1500 रुपये की राशि दी जा चुकी है। मगर विधानसभा में सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़े इस दावे से बिल्कुल विपरीत निकले।
सदन में मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार, प्रदेश में अब तक सिर्फ 35,687 महिलाओं को ही यह लाभ मिला है। यह आंकड़े धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सामने आए हैं।
सुधीर शर्मा ने प्रश्नकाल में पूछा था कि इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत अब तक कितनी महिलाओं को 1500 रुपये दिए गए हैं। इसी के जवाब में सरकार की ओर से स्पष्ट आंकड़े पेश किए गए, जिनमें बताया गया कि योजना के अंतर्गत प्रदेश में कुल 35,687 महिलाएं ही लाभार्थी हैं।
CM सुक्खू ने कहा कि भुगतान भी बजट और प्रक्रिया के अनुसार जारी किया जा रहा है। आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या 8 लाख से अधिक थी, लेकिन लाभ पहुंचने का प्रतिशत काफी कम है। मगर यह जवाब मुख्यमंत्री के हालिया सार्वजनिक दावे से बिल्कुल अलग था, जिससे राजनीतिक हलकों में नई बहस शुरू हो गई है।
सरकार द्वारा सदन में बताया गया कि किन-किन क्षेत्रों में कितनी महिलाओं को भुगतान हुआ है। ये सभी आंकड़े मिलाकर कुल 35,687 महिलाएं अभी तक लाभान्वित हुई हैं- यानी 8 लाख से अधिक आवेदनों की तुलना में केवल लगभग 4.4%। जिसमें-
कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी 10 गारंटियों में महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने का बड़ा वादा किया था। इसे महिलाओं की आर्थिक मजबूती और सामाजिक सुरक्षा से जोड़कर पेश किया गया था। मगर तीन साल बीत चुके हैं और लाखों आवेदनों के बावजूद- सिर्फ 35 हजार से थोड़ा अधिक महिलाओं को लाभ मिला है।
इस वजह से विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगा रहा है कि योजना “ठंडे बस्ते” में चली गई है, जबकि सरकार का कहना है कि भुगतान चरणबद्ध है और बजट के अनुसार आगे भी जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री द्वारा बिहार में दिया गया बयान अब विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है। भाजपा का आरोप है कि सरकार अपनी विफलता छिपाने के लिए गलत आंकड़े पेश कर रही है। प्रदेश की महिलाओं को 1500 रुपये देने का वादा सिर्फ “चुनावी जुमला” बनकर रह गया है। तीन साल में इतनी धीमी प्रगति वादों की गंभीरता पर सवाल खड़ा करती है।
वहीं, कांग्रेस का कहना है कि आर्थिक संकट और प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद सरकार योजना लागू कर रही है। किसी भी लाभार्थी को वंचित नहीं किया जाएगा। जल्द ही अधिक बजट के साथ दायरा बढ़ाया जाएगा।