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July 5, 2025

हिमाचल : लैपटॉप में MOVIE देख रहा था युवक, अचानक थम गई सांसें- सदमे में पूरा परिवार

28 साल थी युवक की उम्र- पिता का पहले हो चुका है निधन

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Devansh

सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से एक दुखद खबर सामने आई है। यहां पर नाहन शहर से करीब 13 किलोमीटर दूर एक 28 साल के युवक की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई है। जवान बेटे की मौत के बाद परिजनों में चीख-पुकार मची हुई है।

लैपटॉप में फिल्म देख रहा था युवक

बताया जा रहा है कि जिस वक्त युवक की मौत हुई- उस वक्त युवक अपने घर पर था और लैपटॉप में फिल्म देख रहा था। युवक की ऐसे अचानक हुई मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। जबकि, पूरे इलाके में माहौल गमगीन बना हुआ है।

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अचानक बिगड़ गई तबीयत

मिली जानकारी के अनुसार, वीरवार देर रात युवक अपने कमरे में लैपटॉप पर फिल्म देख रहा था। इसी दौरान अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और वो बेसुध हो गया। परिजनों द्वारा आनन-फानन में युवक को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक युवक ने दम तोड़ दिया था।

अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

मृतक की पहचान 28 वर्षीय देवांश पुत्र स्वर्गीय धर्मेंद्र के रूप में हुई है- जो कि कठलू गांव का रहने वाला था। सूचना मिलते ही सदर थाना नाहन की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज नाहन भेजा।

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मधुमेह से ग्रसित था देवांश

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि देवांश मधुमेह (डायबिटीज) से ग्रसित था और उसकी शुगर अक्सर असंतुलित रहती थी। डॉक्टरों के अनुसार ऐसी स्थितियों में अचानक शुगर लेवल गिरना या बढ़ना जानलेवा हो सकता है।

सदमें में पूरा परिवार

परिवार की ओर से युवक की मौत को लेकर कोई आपराधिक संदेह व्यक्त नहीं किया गया है। पुलिस ने भी फिलहाल इसे अप्राकृतिक मौत मानते हुए आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो पाएगा। देवांश की असमय मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में है। 

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मामले की पुष्टि करते हुए ASP सिरमौर योगेश रोल्टा ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। अभी मौत के असली कारणों के बारे में पता नहीं चल पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा।

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अगर अचानक आ जाए मधुमेह का अटैक

अगर मधुमेह (शुगर) रोगी को अचानक अटैक आए या रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) का स्तर अचानक बहुत बढ़ जाए (हाइपरग्लाइसीमिया) या बहुत कम हो जाए (हाइपोग्लाइसीमिया), तो तुरंत समझदारी से काम लेना बेहद ज़रूरी होता है। नीचे दोनों स्थिति की पहचान और प्राथमिक उपचार बताए गए हैं:

अगर शुगर का स्तर बहुत कम हो (Hypoglycemia) — 70 mg/dL से कम, तो ये लक्षण होते हैं :

  • पसीना आना
  • हाथ-पैर कांपना
  • चक्कर आना
  • धुंधला दिखना
  • तेज भूख
  • चिड़चिड़ापन
  • अचेत होना (गंभीर स्थिति में)

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क्या करें?

  • रोगी को तुरंत 3-4 टेबलस्पून चीनी, 1 ग्लूकोज टैबलेट, 1 कप फ्रूट जूस, या कोई मीठा पेय दें।
  • अगर 10–15 मिनट में सुधार नहीं होता तो फिर से चीनी दें।
  • अचेत हो तो उसे कुछ भी मुंह से न दें — तुरंत डॉक्टर या एंबुलेंस बुलाएं।

अगर शुगर बहुत ज़्यादा हो जाए (Hyperglycemia) — 180 mg/dL से ऊपर, तो ये लक्षण होते हैं :

  • अत्यधिक प्यास लगना
  • बार-बार पेशाब आना
  • थकान
  • धुंधली दृष्टि
  • उलझन या उल्टी (गंभीर मामलों में)

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क्या करें?

  • इंसुलिन लेने वाला रोगी है तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार इंसुलिन की अतिरिक्त खुराक ले।
  • खूब पानी पीने को कहें।
  • भारी भोजन न दें।
  • डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। यह Diabetic Ketoacidosis का संकेत हो सकता है, जो जानलेवा होता है।

मधुमेह रोगी के लिए रोजमर्रा की सावधानियां-

  • नियमित ब्लड शुगर चेक करें – खासकर सुबह खाली पेट और खाने के बाद।
  • समय पर दवा और इंसुलिन लें, जैसा डॉक्टर ने बताया हो।
  • खाली पेट न रहें — छोटे-छोटे अंतराल में संतुलित आहार लें।
  • मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें — खासकर मिठाइयां, शरबत, कोल्ड ड्रिंक।
  • पैदल चलना या हल्का व्यायाम करें – रोजाना कम से कम 30 मिनट।
  • तनाव से बचें, क्योंकि इससे भी शुगर स्तर बिगड़ सकता है।
  • पैरों की नियमित जांच करें — क्योंकि घाव जल्दी नहीं भरते।
  • सर्दी-खांसी, बुखार को हल्के में न लें – ये शुगर बढ़ा सकते हैं।
  • डॉक्टर से नियमित परामर्श लें – हर 3 से 6 महीने में HbA1c टेस्ट जरूर करवाएं।
  • घर में ग्लूकोमीटर, ग्लूकोज पाउडर, और डॉक्टर का नंबर रखें।

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