#हादसा
July 5, 2025
हिमाचल फ्लड : कुछ दिन पहले ही 30 लाख लिया था उधार, मलबे में बहा सूटकेस- जेब में सिर्फ बचे 650 रुपये
सपनों का घर बनाना चाहता था शिक्षक दंपत्ति- हो गए बर्बाद
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बरसात ने खूब तांडव मचाया। भारी बारिश, भूस्खलन और फ्लड ने कई गांवों और घरों को बर्बाद कर दिया। जिले की सराज घाटी में आई भीषण आपदा ने कई घरों के साथ-साथ न जाने कितने सपनों को भी मलबे में दफना दिया है।
इन्हीं में से एक है थुनाग बाजार के निवासी शिक्षक दंपत्ति मुरारी लाल ठाकुर और उनकी पत्नी रोशनी देवी की मार्मिक कहानी, जो आज भी अपने उजड़े सपनों के मलबे में उम्मीद तलाश रहे हैं।
मुरारी लाल, जो एक सरकारी अध्यापक हैं, बताते हैं कि उन्होंने वर्षों की मेहनत से अपनी गृहस्थी संवारने का सपना संजोया था। 20 जून को उन्होंने थुनाग में एक प्लॉट देखा और 7 जुलाई को उसकी रजिस्ट्री होनी थी।
इस मकान के लिए उन्होंने अपने ससुराल, भाई और रिश्तेदारों से मदद लेकर करीब 30 लाख रुपये इकट्ठे किए थे, जो एक ट्रंक और सूटकेस में रखे गए थे। पर 30 जून की रात सबकुछ बदल गया।
घरों को रौंदते मलबे और पानी ने उनका सब कुछ निगल लिया। उस रात उनके पास न रहने को घर बचा, न पहनने को कपड़े, सिवाय उन जोड़ों के जो तन पर थे। जेब में बचे सिर्फ 650 रुपये, और मन में अनगिनत सवाल। बेटी लोकेशा, पत्नी रोशनी और मुरारी अब सिर्फ उस पल को याद करते हैं, जब उनका आशियाना बनने की दहलीज पर था—और एक ही रात में सब खत्म हो गया।
रोशनी देवी भावुक होकर कहती हैं, “हम शिक्षक हैं, जिनका काम समाज को राह दिखाना होता है, लेकिन आज हम खुद अंधेरे में हैं। हमारी सारी दिशा खो चुकी है।" अब वे दोनों कभी मलबे में अपना सूटकेस खोजते हैं, तो कभी भगवान से प्रार्थना करते हैं कि कोई तो चमत्कार हो।
उनका अब कोई ठिकाना नहीं, पर उम्मीद अभी भी बाकी है। उन्हें भरोसा है कि शायद सरकार, समाज या कोई फरिश्ता उनकी पुकार सुनेगा और उनका उजड़ा आशियाना फिर से खड़ा होगा।