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July 5, 2025
हिमाचल मानसून : डेंगू ने दी दस्तक, जानिए क्या है लक्षण और कैसे करें बचाव
डेंगू के मामले सामने आने के बाद दहशत का माहौल
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सोलन। हिमाचल प्रदेश में बरसात के शुरू होते ही बीमारियों ने भी दस्तक दे दी है। सोलन जिले के परवाणू शहर में डेंगू ने एंट्री कर ली है। ESI अस्पताल में डेंगू के दो मामलों की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद सतर्क हो गए हैं।
दोनों विभागों ने मिलकर शहर में डेंगू की रोकथाम के लिए अभियान शुरू कर दिया है। डेंगू के मामले सामने आने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है। अस्पताल में दाखिल मरीजों के तीमारदारों की चिंता और भी अधिक बढ़ गई है।
अस्पताल की इंचार्ज डॉ. ज्योति कपिल ने जानकारी दी कि बारिश के मौसम में डेंगू के मच्छरों के पनपने की आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों और आस-पास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें, नियमित सफाई करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें, ताकि मच्छरों से बचाव हो सके।
नगर परिषद द्वारा डेंगू रोधी छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है। साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए पर्चे बांटे जा रहे हैं और मोहल्लों में प्रचार किया जा रहा है। थोड़ी सी सतर्कता बरतकर हम इस बीमारी से खुद को और समाज को सुरक्षित रख सकते हैं।
पिछले सालों के आंकड़ों का बात की जाए तो इस बार ये आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। सिरमौर में साल 2022 में 852 मामले और साल 2023 में 1044 डेंगू के मरीज थे। वहीं, साल 2024 में यह आंकड़ा 1322 के पार पहुंच चुका था।
बताया जा रहा है कि अभी दोनों मरीजों को ज्यादा दिक्कत नहीं आ रही है। मामले सीरियस नहीं है। दोनों मरीजों को अस्पताल में दाखिल किया गया है। डेंगू दुनिया भर में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरल है, इसके लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 4 से 10 दिन बाद प्रकट होते हैं।
39-40°C (102-104°F) तक का बुखार हो सकता है, जो अचानक शुरू होता है और कई दिनों तक रह सकता है।
बहुत तेज सिरदर्द, खासकर माथे के सामने वाला हिस्सा।
इसे "डेंगू बुखार" के कारण "हड्डियों का बुखार" भी कहा जाता है, जिसमें मांसपेशियों और जोड़ों में तीव्र दर्द होता है।
बुखार के दौरान त्वचा पर लाल चकत्ते या धब्बे दिखाई दे सकते हैं।
उल्टी, पेट में दर्द, और कभी-कभी दस्त भी हो सकते हैं।
शरीर में सामान्य थकावट और कमजोरी महसूस हो सकती है।
आंखों के पीछे दर्द होना एक सामान्य लक्षण हो सकता है।
कुछ मामलों में हल्की खांसी और गले में खराश भी हो सकती है।
गंभीर मामलों में, डेंगू हेमोरेजिक बुखार या डेंगू शॉक सिंड्रोम का विकास हो सकता है, जिनके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
नाक या मसूड़ों से रक्तस्राव, या त्वचा पर छोटे-छोटे लाल धब्बे जो खून के जमने का संकेत हो सकते हैं।
गंभीर पेट में दर्द और ऐंठन।
अत्यधिक कमजोरी, चक्कर आना, और शॉक के लक्षण जैसे कि ठंडा पसीना और ठंडापन।
अचानक बुखार में कमी, लेकिन यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।
सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, खासकर यदि आप ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहाँ डेंगू के मामले आम हैं।
अपनी त्वचा पर मच्छर रोधक क्रीम या स्प्रे लगाएं, विशेषकर खुले हिस्सों पर।
घर के आसपास पानी जमा न होने दें, जैसे कि बर्तन, टायर, और गमलों में। मच्छर स्टेग्नेंट (खड़ा) पानी में पनपते हैं।
घर और आसपास के इलाके को स्वच्छ रखें और नियमित रूप से कूड़ा-कचरा हटाएं।
बगीचों में मच्छर मारने वाले पौधे जैसे लैवेंडर, पुदीना, और बासिल का उपयोग करें।
घर के दरवाजे और खिड़कियों पर मच्छर नेट लगाएं ताकि मच्छर अंदर न आ सकें।
अगर बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, या त्वचा पर चकत्ते दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
घर की पानी की टंकी और अन्य कंटेनरों को अच्छे से ढककर रखें ताकि मच्छर अंडे न दे सकें।