मंडी। इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख समृद्धि योजना के तहत आर्थिक सहायता पाने का सपना देख रहीं नगर निगम क्षेत्र मंडी की 443 महिलाओं को एक बड़ा झटका लगा है। कल्याण विभाग ने इन महिलाओं के आवेदन को वापस कर दिया है, जिससे उन्हें योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
1500 का किया था वादा
बता दें कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख समृद्धि योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर माह 1500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य पांच लाख से अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। वहीं, अब सरकार द्वारा इस योजना के दायरे में महिलाओं को लाने के लिए कुछ नियम बनाए गए है।
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आवेदन प्रक्रिया में अड़चनें
वहीं, नगर निगम क्षेत्र की महिलाओं ने अपने-अपने वार्ड के पार्षदों से सत्यापन करवाकर आवेदन किए थे। हालांकि, कल्याण विभाग ने इन 443 आवेदन को मंजूर नहीं किया है। अब इन महिलाओं को फिर से आवेदन करने के लिए नगर निगम के पारित प्रस्ताव की प्रति संलग्न करनी होगी।
महापौर वीरेंद्र भट्ट शर्मा ने इस संबंध में बताया कि आवेदन की स्वीकृति के लिए पार्षद की वेरिफिकेशन के साथ-साथ नगर निगम का प्रस्ताव भी आवश्यक है। इसके बिना आवेदन स्वीकार नहीं होंगे, जिससे महिलाओं को अब नए सिरे से आवेदन करना होगा।
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पात्रता की होगी जांच
सितंबर में हिमाचल सरकार ने योजना के अंतर्गत महिलाओं की पात्रता की जांच के लिए निर्देश दिए थे। इसमें उन महिलाओं की पहचान की जाएगी जो पहले से अन्य सामाजिक पेंशन योजनाओं का लाभ उठा रही हैं। यदि किसी महिला को अपात्र घोषित किया जाता है, तो उन्हें 1500 रुपये वापस करने पड़ेंगे।
इस योजना के अंतर्गत सितंबर माह में 8 लाख से अधिक महिलाओं के आवेदन प्राप्त हुए थे, जबकि 2.42 लाख महिलाएं पहले से ही 1150 रुपये या अन्य राशि की सामाजिक पेंशन ले रही थीं।
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महिलाओं को 1500 का इंतजार
बता दें कि इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख समृद्धि योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, लेकिन अब नगर निगम क्षेत्र की महिलाओं को नई शर्तों के तहत आवेदन करना होगा। यह स्थिति उन महिलाओं के लिए निराशाजनक है जो अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद कर रही थीं। अब देखना यह होगा कि सरकार इस प्रक्रिया को जल्दी कैसे आगे बढ़ाती है ताकि महिलाओं को समय पर लाभ मिल सके।