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August 14, 2025

हिमाचल में आफत की बारिश: नाले में आई बाढ़ के मलबे में दबी यात्रियों से भरी बस, मची चीख पुकार

भूस्खलन, बादल फटने और मलबे में फंसी जिंदगियां, जनजीवन अस्त-व्यस्त

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Hamirpur Lansslide Bus

शिमला/हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में बीते रोज से लगातार हो रही भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। आज प्रदेश भर में करीब छह जगह बादल फटने से भारी तबाही हुई है। प्रदेश के कई स्थानों पर भारी बारिश के बाद बादल फटने से आई बाढ़ में कई गाड़ियां तिनके की तरह बह गईं। वहीं कई गाड़ियां मलबे में दफन हो गईं। यहां तक यात्रियों से भरी एक बस भी मलबे की चपेट में आ गई। यह बस लगभग आधी मलबे में दफन हो गई। जिससे अंदर बैठी सवारियों में चीख पुकार मच गई। 

यात्रियों से भरी बस मलबे में फंसी

धर्मपुर.सरकाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलाल नाले को पार करते समय यात्रियों से भरी एक निजी बस अचानक भारी मलबे की चपेट में आ गई। घटना उस समय घटी जब बस नाले के समीप से गुजर रही थी और तभी भूस्खलन के चलते भारी मात्रा में मलबा सड़क पर आ गिरा। इससे बस वहीं फंस गई और यात्रियों में अफरा.तफरी मच गई।

 

 

ड्राइवर और कंडक्टर ने सूझबूझ दिखाते हुए यात्रियों को शांत किया और आपातकालीन दरवाजा तोड़कर सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। सौभाग्य से किसी को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन यह घटना बताती है कि प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने किस तरह से यातायात को खतरे में डाल दिया है।

शिमला में भूस्खलन से सड़कें बंद

शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के पास सुबह के समय एक बड़ा भूस्खलन हुआ। सड़क पूरी तरह से मलबे से ढक गई और दो वाहन इसमें दब गए। गनीमत रही कि किसी के घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन घटनास्थल की स्थिति को देखते हुए किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।

कोटखाई में बादल फटा, पेट्रोल पंप और कई वाहन दबे

शिमला जिले के कोटखाई के खलटूनाला में गुरुवार सुबह करीब 3 बजे बादल फटने की घटना ने स्थिति और गंभीर कर दी। पहाड़ों से आए भारी मलबे ने एक पेट्रोल पंप और छह से ज्यादा वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। पेट्रोल पंप कर्मचारी किसी तरह भागकर जान बचाने में सफल रहे। लेकिन यह घटना प्रदेश में आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े करती है।

 

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कई घर और दुकानें तबाह

किन्नौर जिले के पूह क्षेत्र में बुधवार को बादल फटने के बाद सतलुज नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इसके चलते शिमला के रामपुर स्थित गानवी क्षेत्र में 26 से अधिक अस्थायी शेड, दुकानें और गोदाम बह गए। कई घरों को खाली कराना पड़ा। यहां तक कि गानवी पुलिस चौकी भी खतरे की जद में आ गई। गानवी जल विद्युत परियोजना का पुल भी बाढ़ में बह गया है।

 

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पेयजल संकट, चाभा प्रोजेक्ट जलमग्न

राजधानी शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाला चाभा प्रोजेक्ट पूरी तरह जलमग्न हो गया हैए जिससे शहर के कई इलाकों में पानी की सप्लाई ठप हो गई है। इससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदेशभर में सड़क संपर्क बाधित

कुल्लूए सोलन और सिरमौर जिले में भी लैंडस्लाइड की कई घटनाएं हुई हैं। अब तक राज्य में 395 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल है। 20 से ज्यादा वाहन मलबे में दब गए हैं। प्रशासन लगातार सड़कों को बहाल करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन लगातार बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रही है।

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मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा और मंडी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है,जबकि अन्य जिलों में येलो अलर्ट लागू है। हालांकि, कल से पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता में कुछ कमी आने की उम्मीद है, लेकिन प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

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सरकार और प्रशासन के लिए चेतावनी की घड़ी

हिमाचल प्रदेश में हर साल बारिश के मौसम में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा मंडराता रहता है। इस बार भी स्थिति काफी गंभीर बन गई है। न केवल लोगों की जान जोखिम में है, बल्कि बुनियादी सुविधाएं भी प्रभावित हो रही हैं। यह समय है जब राज्य सरकार को आपदा प्रबंधन के उपायों की समीक्षा कर उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है।

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