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September 15, 2025

हिमाचल: कल इन 6 जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश की चेतावनी, येलो अलर्ट जारी

17 सितंबर से मानसून के कमजोर पड़ने की संभावना

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Himachal Weather News

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर जारी है। मानसून की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश भर में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग के अनुसार कल यानी मंगलवार को भी प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। जिसको देखते हुए मौसम विभाग ने प्रदेश के छह जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी कर दिया है। 

आज येलो अलर्ट के बावजूद कम हुई बारिश

इससे पहले मौसम विभाग ने आज सोमवार को प्रदेश के 10 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया था, लेकिन प्रदेश के कुछ ही क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई है। राजधानी शिमला में दिनभर बारिश और धुंध का मौसम बना रहा, जहां 2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। अन्य स्थानों पर भी बारिश का असर दिखा सुंदरनगर में 0.8 मिलीमीटर, धर्मशाला में 3 मिलीमीटर, कांगड़ा में 0.2 मिलीमीटर, जुब्बड़हट्टी में 3 मिलीमीटर, धौलाकुआं में 0.5 मिलीमीटर और बजौरा में 1.5 मिलीमीटर बारिश हुई।

 

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कल इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

अब मौसम विभाग ने कल यानी मंगलवार को प्रदेश के छह जिलों बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों के कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ तेज वर्षा की संभावना जताई गई है। केवल किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर लगभग सभी जिलों में बारिश का पूर्वानुमान है। बुधवार के लिए बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में दोबारा येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के अनुसार 17 से 19 सितंबर के बीच मानसून कमजोर पड़ सकता है।

 

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भारी नुकसान और आपदाओं की लंबी सूची

20 जून से शुरू हुए इस मानसून सीजन ने हिमाचल प्रदेश को गहरे जख्म दिए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक भूस्खलन की 140, फ्लैश फ्लड की 97 और बादल फटने की 46 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। इन आपदाओं में 404 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 473 लोग घायल और 41 लोग अभी भी लापता हैं। इनमें से 76 मौतें बाढ़, लैंडस्लाइड और बादल फटने जैसी घटनाओं में हुई हैं। राज्य को इस मानसून सीजन में 4,500 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है। पहाड़ों में लगातार हो रहे भूस्खलन और सड़क क्षतिग्रस्त होने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

 

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सड़कें, पुल और यातायात ठप

भारी बारिश के चलते प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे समेत 565 सड़कें बंद पड़ी हैं। इनमें से करीब 90 प्रतिशत सड़कें 15 दिनों से अधिक समय से अवरुद्ध हैं। इससे न केवल आम लोगों की आवाजाही पर असर पड़ा है, बल्कि सेब और अन्य फसलों की ढुलाई भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इस मानसून में अब तक 13 मोटरेबल पुल भी बह चुके हैं, जिससे दूर-दराज के गांवों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।

 

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राहत की उम्मीद

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 17 से 19 सितंबर के बीच मानसून के कमजोर पड़ने की संभावना है। इससे राज्य सरकार को बिजली, पानी और सड़क जैसी जरूरी सेवाओं की बहाली में तेजी लाने का अवसर मिलेगा।

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