शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार की सोमवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में प्रदेश के विकास, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में पांच घंटे चली इस बैठक में बेरोजगार युवाओं, स्वास्थ्य क्षेत्र, पर्यटन और प्रशासनिक ढांचे को मज़बूती देने पर विशेष ध्यान दिया गया। कैबिनेट फैसलों की जानकारी उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने दी।
3700 नए पदों की मंजूरी
मंत्रिमंडल ने विभिन्न विभागों में लगभग 3,700 नए पद सृजित करने और उन्हें भरने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी। ये भर्तियां राज्य चयन आयोग और आउटसोर्सिंग दोनों माध्यमों से की जाएंगी। सरकार का दावा है कि इससे युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और विभागीय कार्यप्रणाली भी तेज़ होगी।
इन विभागों में होगी भर्तियां
- बिजली बोर्ड में 1602 पद बिजली उपभोक्ता मित्रों के स्वीकृत किए गए हैं। यह सभी पद आउटसोर्स आधार पर भरे जाएंगे।
- हिमाचल के लोक निर्माण विभाग को गति देने के लिए रेगुलर टी-मेट के एक हजार पदों पर भी भर्ती की जाएगी। यह सभी पद राज्य चयन आयोग के माध्यम से भरे जाएंगें।
- राजस्व विभाग में 645 पद पटवारियों के पदों पर भर्ती की जाएगी।
- कैबिनेट बैठक में मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के 400 पद भरने को मंजूरी प्रदान की गई।
- प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों के 200 पद पर भी डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी।
- मेडिकल कॉलेजों में 38 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती की जाएगी।
- पंचायतीराज विभाग में लगभग 950 पंचायत सेक्रेटरी के खाली पदों को देखते हुए 300 पद भरने का निर्णय लिया गया है।
- ग्राम पंचायतों में 300 जॉब ट्रेनी की नियुक्ति को मंजूरी
- प्रदेश सचिवालय में स्टेनो टाइपिस्ट के 25 पद स्वीकृत किए गए।
- चंडीगढ़ शिमला फोरलेन पर बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए कैबिनेट ने परवाणू और धर्मपुर पुलिस थाना में 38 पद पुलिस कांस्टेबदल के भरने को मंजूरी प्रदान की है।
- लोकायुक्त में 2 पद जेओए आईटी और 5 पद साइंटिफिक ऑफिसर के स्वीकृत किए।
- कैबिनेट बैठक में पंचायती राज संस्थाओं के लिए एक निश्चित मासिक वजीफे पर प्रशिक्षण,अनुभव और सहायता के माध्यम से प्रशिक्षित जनशक्ति का एक पूल बनाने हेतु ग्राम पंचायतों में 300 जॉब ट्रेनी की नियुक्ति को मंजूरी दी।
- कैबिनेट बैठक में पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग के कामकाज को सुव्यवस्थित करने के लिए विभाग के पुनर्गठन और विभिन्न श्रेणियों के पाँच नए पदों के सृजन और भरने को मंजूरी दी।
- इसके अलावा कैबिनेट बैठक में कंप्यूटर ऑपरेटर और जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर के एक.एक पद को भरने को भी मंजूरी दी गई।
यह भी पढ़ें : हिमाचल: खाई में गिरी पिकअप, एक साथ 5 लोगों की थम गई सांसें; 2 की हालत गंभीर
इन बड़े फैसलों पर भी लगी मुहर
- कैबिनेट बैठक में सात गैर.अधिसूचित कॉलेजों के 45 शिक्षण और 61 गैर.शिक्षण कर्मचारियों को उच्च शिक्षा निदेशालय के अधिशेष पूल में रखने की अनुमति दी।
- पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में हिमाचलियों को स्वावलंबी बनाने के लिए नई योजना को मंजूरी दी गई है। “आतिथ्य उद्योग में मुख्यमंत्री स्टार्ट-अप योजना” के तहत नए होमस्टे खोलने या पुराने होमस्टे को उन्नत करने के लिए लिए गए ऋणों पर ब्याज अनुदान दिया जाएगा। यह दरें क्षेत्र के अनुसार अलग होंगी – शहरी क्षेत्रों में 3%, ग्रामीण में 4% और जनजातीय इलाकों में 5%।
- राज्य के नौ जिलों के आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में 28 डायलिसिस केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिली।
- चिकित्सा अधिकारी (सामान्य) संवर्ग को दो अलग श्रेणियों – सामान्य और विशेषज्ञ – में विभाजित करने का निर्णय लिया गया, जिससे विशेष सेवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी।
- एलएडीएफ (स्थानीय क्षेत्र विकास निधि) की कुल राशि का 10% राज्य के बच्चों को वित्तीय सहायता देने पर खर्च करने के लिए प्रावधानों में संशोधन किया गया है।
- हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के नियमों में भी बदलाव हुआ है, जिसके तहत ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और बीपीएल उम्मीदवार आवेदन के समय शपथ-पत्र देकर प्रमाणपत्र बाद में प्रस्तुत कर सकेंगे।
- हाल ही के मानसून में हुई तबाही को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजित और सुरक्षित निर्माण गतिविधियों को सुनिश्चित करने के लिए आदर्श उप-नियमों को मंजूरी दी गई।
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 176(1) के तहत योग्य पुलिस कांस्टेबलों को तीन साल तक की सजा या जुर्माने से दंडनीय अपराधों की जांच करने का अधिकार देने का निर्णय भी हुआ। इसके लिए स्नातक डिग्री, सात साल की सेवा, विशेष प्रशिक्षण और विभागीय जांच न होना जैसी शर्तें लागू होंगी।
- चंबा जिले की पांगी तहसील के साच में नई उप-तहसील खोली जाएगी।
- कांगड़ा जिले की रे उप-तहसील में हटली और मलहंटा पटवार सर्किलों का पुनर्गठन कर नांगल में नया पटवार सर्किल बनाया जाएगा।
- कांगड़ा जिले की चडियार उप-तहसील को पूर्ण तहसील का दर्जा देने का भी निर्णय लिया गया।
- भोरंज, बामसन और सुजानपुर विकास खंडों के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई।