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August 31, 2025
हिमाचल: भूस्खलन ने रोकी वाहनों की रफ्तार, सड़क पर बहने लगा नाला; घरों-दुकानों में घुसा मलबा
हमीरपुर बिलासपुर में कई जगह लैंडस्लाइड ने रोकी वाहनों की रफ्तार
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हमीरपुर/बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य के कई जिलों में भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे यातायात बाधित हो गया है और लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कें बंद हैं, नालों में उफान है और कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया है।
हमीरपुर जिले में रविवार को भारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ, जिससे सुजानपुर को मंडी जिले के संधोल से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग एक बार फिर बंद हो गया। यह मार्ग पहले से ही निर्माण कार्य के चलते संवेदनशील बना हुआ है। पहाड़ियों की कटिंग के दौरान लगातार मलबा गिर रहा है, जिससे आवाजाही में रुकावट आ रही है।
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पीडब्ल्यूडी विभाग की टीम सुबह से ही मलबा हटाने में जुट गई और लगभग साढ़े 11 बजे मार्ग को आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया। विभागीय एसडीओ संसार चंद सकलानी ने बताया कि जेसीबी मशीनें मौके पर तैनात कर दी गई हैं और मार्ग को हर बार बंद होते ही तुरंत खोला जा रहा है।
रविवार रात की बारिश के बाद सुचुही से बजाहर गांव तक का रास्ता पूरी तरह से जलमग्न हो गया। खड्डों और नालों के उफान पर आने से नाले का पानी सड़क पर बहने लगा। सुजुकी से बाजार तक जाने वाली सड़क पर भी नाले के पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा आ गया, जिससे मार्ग घंटों बाधित रहा। बजाहर गांव के स्थानीय निवासी रणजीत सिंह ने बताया कि नाले का पानी उनके घर और दुकान में घुस गया, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। लोगों ने प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है।
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बिलासपुर जिले में लगातार हो रही बारिश ने रौड़ा सेक्टर की ओर जाने वाले मार्ग को भी नहीं बख्शा। रविवार को पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरने से यह मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। स्थानीय लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सूचना मिलते ही पीडब्ल्यूडी की टीम जेसीबी मशीनों के साथ मौके पर पहुंची और मार्ग को बहाल करने का कार्य शुरू कर दिया गया। विभाग का कहना है कि जल्द ही सड़क को फिर से चालू कर दिया जाएगाए तब तक वैकल्पिक रास्तों से आवाजाही की जा रही है।
मौसम का सबसे बड़ा असर धार्मिक स्थलों की ओर जाने वाले रास्तों पर भी पड़ा है। नैना देवी मंदिर तक जाने वाले दो प्रमुख मार्ग नैना देवी-भाखड़ा-नंगल डैम और नैना देवी-स्वारघाट-बिलासपुर भूस्खलन के कारण पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। हालांकि इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। अब वे आनंदपुर साहिब के रास्ते मंदिर तक पहुंच रहे हैं। लोक निर्माण विभाग ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मशीनें और कर्मचारियों को तैनात किया है और जल्द मार्ग को बहाल करने का आश्वासन दिया है।
राज्य भर में हो रही मूसलाधार बारिश से कई जिलों में स्कूल बंद किए गए हैं, भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, पुल बह गए हैं और जलस्रोत उफान पर हैं। राजधानी शिमला, मंडी, चंबा, कांगड़ा और कुल्लू में भी कई जगहों से भूस्खलन और सड़कें धंसने की खबरें हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा न करें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी जिलों के डीसी को अलर्ट पर रहने को कहा है।
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हिमाचल प्रदेश में हर साल बारिश के मौसम में इसी तरह की स्थितियां सामने आती हैं। बार-बार सड़कों का बंद होना, घरों में पानी घुसना और लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त होना अब आम बात हो चुकी है। सरकार और विभागीय एजेंसियों को चाहिए कि तात्कालिक उपायों के साथ-साथ दीर्घकालिक समाधान की ओर भी गंभीरता से कदम उठाएं, ताकि लोगों को हर साल इस प्राकृतिक आपदा का शिकार न बनना पड़े।