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September 4, 2025

आपदा में सुक्खू सरकार ने बढ़ा दिए दालों के दाम, राशन डिपो में महंगी मिलेंगी 3 दालें; सरसों तेल गायब

हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के बीच लोगों को अब महंगाई की मार

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ration depot himachal

शिमला। हिमाचल प्रदेश के लाखों राशन कार्ड उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। प्रदेश में एक तरफ भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा ने लोगों को भारी संकट में डाल दिया है। वहीं दूसरी ओर अब महंगाई की दोहरी मार ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। राज्य के करीब 19.40 लाख राशन कार्ड धारकों को अब सरकार द्वारा सरकारी राशन डिपुओं के माध्यम से प्रदान की जा रही तीन मुख्य दालें मलका, चना और उड़द पहले से कहीं ज्यादा कीमतों पर मिलेंगी। कीमतों में 6 रुपये से लेकर 18 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी की गई है।

 

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अब कितनी महंगी हुई हैं दालें? 

राज्य सरकार द्वारा जारी ताजा आदेश के अनुसार, अब एनएफएसए ;राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियमद्ध श्रेणी के तहत दालों के नए दाम इस प्रकार होंगे।

 

 

जबकि एपीएल (साधारण आय वर्ग) कार्ड धारकों को भी राहत नहीं मिली है। उनके लिए भी दाम बढ़ा दिए गए हैं:

 

सरकार ने क्यों बढ़ाए दाम?

राज्य सरकार ने दालों की आपूर्ति केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के बफर स्टॉक से की है। इसके लिए 1,09,522 क्विंटल दालों का ऑर्डर दिया गया है, जिसमें मलका, चना और उड़द दाल शामिल हैं। विभाग के अनुसार, दाम बढ़ाने की प्रमुख वजह केंद्र सरकार द्वारा दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में की गई वृद्धि और बाजार में दालों के बढ़ते थोक मूल्य हैं। हालांकि विभाग का यह भी दावा है कि बढ़े हुए दामों के बावजूद ये दालें बाजार कीमत से 20 से 25 रुपये प्रति किलो सस्ती मिल रही हैं।

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सरसों तेल की जगह अब रिफाइंड

हिमाचल में अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत उपभोक्ताओं को सरसों तेल नहीं मिलेगा। सरकार ने सरसों तेल की खरीद को मंजूरी नहीं दी है और फिलहाल केवल रिफाइंड तेल ही वितरित किया जाएगा। सरसों तेल की अगली खरीद इसके टेंडर और बाजार दरों पर निर्भर करेगी।

 

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तीन श्रेणियों में बंटा है राशन वितरण

हिमाचल प्रदेश में राशन वितरण तीन श्रेणियों में किया जाता है:

  • एनएफएसए (NFSA): इसमें बीपीएल, अंत्योदय, प्राथमिकता श्रेणी वाले परिवार आते हैं।
  • एपीएल (APL): मध्यम वर्ग के उपभोक्ता।
  • अन्य राज्य योजना: जो NFSA या APL में नहीं आते।

हर श्रेणी के लिए दरें अलग निर्धारित हैं और महंगाई का असर सभी वर्गों पर पड़ा है।

जनता का दर्द: महंगाई के साथ जीना हो गया चुनौतीपूर्ण

प्रदेश की जनता पहले ही बाढ़, भूस्खलन, खराब सड़कों और फसलों को हुए नुकसान से जूझ रही है। अब राशन पर भी महंगाई की मार पड़ने से गरीब और मध्यम वर्ग की परेशानियां और बढ़ गई हैं। शिमला के एक निवासी राकेश ठाकुर का कहना है, "पहले ही घर चलाना मुश्किल हो रहा है। अब जो दालें थोड़ी राहत देती थीं, उनकी कीमतें भी बढ़ा दी गईं। सरकार को इस पर फिर से विचार करना चाहिए।" 

 

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हिमाचल प्रदेश इस समय एक कठिन दौर से गुजर रहा है। प्राकृतिक आपदाएं एक ओर और अब आवश्यक वस्तुओं की महंगाई दूसरी ओर, आम आदमी को जीना मुश्किल कर रही हैं। सरकार की ओर से दालों की कीमतों में बढ़ोतरी को जायज ठहराया जा रहा है, लेकिन जनता के लिए ये फैसला निश्चित ही बोझ बढ़ाने वाला साबित हो रहा है।

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