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September 4, 2025

हिमाचल: भरमौर में फंसे 415 यात्री किए रेस्क्यू, 35 को किया एयरलिफ्ट, केंद्र से नहीं मिले पांच हेलिकॉप्टर

500 श्रद्धालु अभी भी भरमौर में फंसे, एयर लिफ्ट ही एकमात्र सहारा

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Chamba News

चंबा। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई है। भारी बारिश, भूस्खलन और लगातार बिगड़ते मौसम ने मणिमहेश यात्रा पर निकले हजारों श्रद्धालुओं की जान आफत में डाल दी है। भरमौर और उसके आस.पास के क्षेत्रों में हालात इतने बिगड़ गए कि प्रशासन को बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा। अब तक करीब 15,000 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन लगभग 500 लोग अभी भी भरमौर में फंसे हुए हैं।

चार शवों को निकालने भेजी गई विशेष टीम

भरमौर के कुगती ट्रैक पर चार श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, और उनके शव दुर्गम पहाड़ी रास्तों में फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के निर्देश पर डीएसपी खजाना राम की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की गई है, जिसमें पुलिस, होमगार्ड, पर्वतारोही और स्थानीय स्वयंसेवक शामिल हैं। लगातार बारिश और खतरनाक मौसम इस कार्य में बड़ी बाधा बन रहे हैं।

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बुजुर्गों और बीमारों को हेलिकॉप्टर से निकाला गया

आज गुरुवार को 35 बीमार और बुजुर्ग श्रद्धालुओं को हेलिकॉप्टर के ज़रिए सुरक्षित निकाला गया। एक निजी हेलिकॉप्टर सुबह 7 बजे से रेस्क्यू में लगा हुआ है और अब तक सात उड़ानें भर चुका है। हालांकि वायुसेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर को भी पठानकोट से उड़ान भरनी थी, लेकिन खराब मौसम के चलते वह भरमौर नहीं पहुंच सका।

 

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आज गुरुवार को भरमौर में फंसे 450 श्रद्धालु चंबा पहुंचाए गए हैं। इन श्रद्धालुओं को भरमौर से दुर्गेठी तक गाड़ियों में लाया गया। वहां से लगभग 14 किलोमीटर पैदल चलने के बाद फिर 20 किलोमीटर गाड़ियों में चंबा पहुंचाया गया। चंबा से सभी श्रद्धालुओं को सरकार एचआरटीसी बसों में अपने अपने गंतव्य को भेजेगी। प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न पड़ावों पर लंगर और चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था की है। पैदल ट्रैक के कठिन और खतरनाक हिस्सों में एनडीआरएफ और पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। 

सड़कों का नामोनिशान मिटा, पैदल यात्रा ही विकल्प

24 से 26 अगस्त के बीच हुई भारी बारिश ने भरमौर.चंबा राष्ट्रीय राजमार्ग को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। सड़कों के कई हिस्से पूरी तरह बह गए हैं। करीब 45 किलोमीटर का मार्ग छोटे वाहनों के लिए बहाल किया गया है, लेकिन कई स्थानों पर श्रद्धालुओं को अब भी 14 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। दुर्गेठी से टैक्सियों और फिर सरकारी बसों के माध्यम से श्रद्धालुओं को चंबा लाया जा रहा है।

 

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20 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत

अब तक मणिमहेश यात्रा में 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें अधिकांश की जान ऑक्सीजन की कमी, ठंड और चट्टानों के गिरने से गई है। लगातार बदलते मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बीच यह यात्रा चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है।

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सरकार का ग्राउंड पर डेरा

राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं इस रेस्क्यू अभियान की निगरानी कर रहे हैं। वहीं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी पिछले छह दिनों से ग्राउंड जीरो पर डटे हुए हैं। उन्होंने चंबा से भरमौर तक का सफर पैदल तय कर हालात का जायजा लिया और स्थानीय प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए।

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