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November 13, 2025

ठंड के आगोश में समाने लगा हिमाचल, माइनस तापमान में भी कम नहीं हो रहा सैलानियों का जोश

लाहुल-स्पीति और कुल्लू में जम गई झीलें, अगले दो सप्ताह तक नहीं होगी बारिश

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Himachal Weather

शिमला/मनाली। हिमाचल प्रदेश लगातार ठंड के आगोश में समाता जा रहा है। प्रदेश में नवंबर माह अब तक पूरी तरह से सूखा ही गुजरा है। वहीं मौसम विभाग की मानें तो नवंबर माह के पूरे ही सूखे गुजरने का अनुमान है। अगले दो सप्ताह तक प्रदेश भर में मौसम साफ बने रहने की संभावना है। ऐसे में प्रदेश में सूखी ठंड बढ़ने से लोगों के बीमारी की चपेट में आने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।

कई स्थानों पर शून्य से नीचे गिरा तापमान

प्रदेश में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू हो गई है। प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। जिससे कुल्लू और लाहौल स्पीति के ऊंचाई वाले क्षेत्रों की झीले जमने लगी हैं। हालांकि प्रदेश में बढ़ती ठंड के बावजूद भारी संख्या में सैलानी हिमाचल का रूख कर रहे हैं। यह सैलानी रोहतांग दर्रा सहित मनाली और अटल टनल का रूख कर रहे हैं।

 

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मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश में दिन का तापमान सामान्य बना हुआ है, जबकि रात में दो-तीन डिग्री गिरावट दर्ज की जा रही है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 4.5 डिग्री सेल्सियस, और कुकुम सेरी में माइनस 2.5 डिग्री सेल्सियस है। नवंबर माह में अब तक केवल 1.1 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो सामान्य से 83 प्रतिशत कम है। आने वाले दिनों में भी हिमाचल में बारिश या बर्फबारी के कोई संकेत नहीं हैं।

ठंड के आगोश में समाने लगा हिमाचल

सुबह और शाम के समय पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में ठंडी हवाएं चल रही हैं। बिलासपुर और सुंदरनगर में हल्का कोहरा दृश्यता को प्रभावित कर रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे रहने की संभावना बनी हुई है।

 

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रोहतांग और लाहौल में बर्फबारी का आकर्षण

मनाली के रोहतांग दर्रा और लाहौल घाटी में अक्टूबर की बर्फबारी के बाद अभी भी बर्फ जमी हुई है। पर्यटक माइनस तापमान में भी बर्फ के बीच मस्ती कर रहे हैं और अपने कैमरों में यादगार पलों को कैद कर रहे हैं। बाहरी राज्यों से पहुंचे सैलानी रोहतांग और अटल टनल मार्ग से लाहौल घाटी तक बर्फ का आनंद ले रहे हैं।

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झीलें जम गईं, ट्रैकिंग प्रभावित

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान गिरने के कारण लाहौल.स्पीति सहित कुल्लू जिले की 12.17 हजार फीट ऊंचाई वाली झीलें और झरने जमने लगे हैं। ट्रैकरों की पहली पसंद चंद्रताल झील (14,190 फीट) इस मौसम के लिए बंद कर दी गई है। इसके अलावा ढंखर झील, सूरजताल झील और नीलकंठ झील भी जमने लगी हैं। कुल्लू जिले के रोहतांग दर्रे के पास दशोहर झील और भृगु झील भी जम चुकी हैं।

 

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सैलानियों की बढ़ती संख्या और पर्यटन कारोबार पर असर

ठंड और बर्फ के बावजूद मनाली में सैलानियों की संख्या बढ़ रही है। पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि यदि नवंबर माह में भी बर्फबारी होती हैए तो दिसंबर में पर्यटन और अधिक बढ़ेगा। इस बार अक्टूबर में हुई अच्छी बर्फबारी से सैलानियों का उत्साह भी बढ़ा है।

 

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सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक एडवाइजरी

लाहौल.स्पीति प्रशासन ने बताया कि ऊंचाई वाले मार्गों पर बर्फ जमने से यात्रा जोखिम भरी हो गई है। यात्रियों और वाहन चालकों को सुबह और शाम के समय यात्रा से परहेज करने और रात में सफर न करने की सलाह दी गई है। मनाली.रोहतांग और मनाली.काजा मार्गों पर ब्लैक आइस के कारण वाहन चलाना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

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