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June 27, 2025

बरसात से निपटने को विक्रमादित्य का विभाग तैयार, बाढ़ में पुल टूटा तो 15 दिन में बनेगा नया बैली ब्रिज

13 बेली ब्रिज का तैयार किया स्टॉक, कुल्लू मंडी और शिमला में रहेगा फोकस

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PWD Minister Vikramaditya Singh

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं ने भी अपना तांडव दिखाना शुरू कर दिया है। हाल ही में कुल्लू और कांगड़ा जिलों में बादल फटने की घटनाओं ने प्रदेश में अफरातफरी मचा दी है। इस एक दिन की आपदा ने ही मंत्री विक्रमादित्य के लोक निर्माण विभाग को अब तक दो करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान पहुंचा दिया है। इन दोनों जिलों में छोटे-बड़े कुल 10 पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। हालात को देखते हुए विभाग अब इन स्थानों पर अस्थायी बेली ब्रिज लगाने की प्रक्रिया में जुट गया है, ताकि यातायात की आवाजाही को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके।

15 दिन में बनेगा नया बेली ब्रिज

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2022-23 के मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदा के कारण 33 पुल ढह गए थे। इससे सबक लेते हुए इस बार विभाग ने पूर्व तैयारी करते हुए 13 बेली ब्रिज स्टॉक में तैयार रखे हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर तत्काल लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुल क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में विभाग की प्राथमिकता रहेगी कि 15 दिन के भीतर अस्थायी पुल से यातायात बहाल किया जाए।

 

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फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद्द

विभाग ने मानसून को देखते हुए फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। केवल विशेष परिस्थिति में ही छुट्टी दी जाएगी। साथ ही जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जो 24 घंटे आपदा की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। मुख्यालय में लगातार इंजीनियरों की आपात बैठकें बुलाई जा रही हैं और जिलों से नुकसान की रिपोर्ट ली जा रही है।

 

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तीन जिलों पर रहेगा खास फोकस

इंजीनियर इन चीफ नरेंद्र पॉल के अनुसार, जिला मंडी, कुल्लू और शिमला में विभाग विशेष रूप से अलर्ट मोड पर है, क्योंकि यहां मूसलधार बारिश की संभावना सबसे अधिक रहती है। उन्होंने बताया कि जहां भी सड़कें मलबे के कारण अवरुद्ध हो रही हैं, वहां तेजी से मशीनरी लगाकर रास्ता साफ किया जा रहा है। हालांकि कई स्थानों पर मलबा हटाने के बाद फिर से भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है।

जर्जर पुलों की जगह बनेंगे नए पुल

लोक निर्माण विभाग ने पुराने पुलों की जांच शुरू कर दी है। जिन पुलों की हालत जर्जर पाई जाएगी, उन्हें बदलने की योजना बनाई गई है। वहीं, पिछले वर्ष जिन स्थानों पर अस्थायी पुल लगाए गए थे, वहां नए स्थायी पुलों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है और अस्थायी पुलों को हटाने की प्रक्रिया भी जारी है। इन अस्थायी पुलों को भी स्टॉक में रखा जाएगा और बरसात में बाढ़ आने पर कहीं भी कोई पुल बहता है या क्षतिग्रस्त होता है तो 15 दिन में यहां बेली ब्रिज तैयार किया जाएगा।

 

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नदियों से दूर रहने की सलाह

आपदा प्रबंधन विभाग ने भी लोगों को सतर्क रहने की अपील की है और नदियों.नालों के किनारे न जाने की चेतावनी दी है। लोक निर्माण विभाग ने मजदूरों और निर्माण स्थलों पर कार्यरत कर्मचारियों को विशेष सतर्कता बरतने और बारिश के दौरान आवश्यक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं।

 

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विक्रमादित्य सिंह की निगरानी में तैयारियां तेज

विभागीय मंत्री विक्रमादित्य सिंह खुद स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार राज्य सरकार ने मानसून से निपटने के लिए पहले से ही रणनीतिक तैयारी की है। बजट आवंटन से लेकर संसाधनों की उपलब्धता तक, हर पहलू पर खास ध्यान दिया गया है। पिछले साल की त्रासदी से हमने सबक लिया है। इस बार लक्ष्य है कि हर आपदा का तत्काल जवाब दिया जाए, ताकि आम जनजीवन पर इसका न्यूनतम असर हो।

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