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June 27, 2025
हिमाचल का एक और जवान शहीद: एक महीने पहले ही आया था छुट्टी, पत्नी के सहारे छोड़ गया 2 बच्चे
आईटीबीपी जवान की शहादत
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कांगड़ा। वीरभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश के एक लाल ने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहूति देकर एक बार फिर से साबित कर दिया कि, देश के लिए मर मिटने का जज्बा आज भी हिमाचल के जवानों में कम नहीं हुआ है। शहीद जवान कांगड़ा जिला के जवाली विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जोल के रहने वाले थे, जो बीते बुधवार को वीरगति को प्राप्त हो गए।
शहीद जवान अंकज कुमार उम्र 35 साल, उत्तराखंड के अल्मोड़ा में आईटीबीपी यूनिट में चालक के पद पर कार्यरत थे। बुधवार 25 जून को शाम करीब पांच बजे उनके परिवार को यूनिट की ओर से दुखद सूचना मिली कि उन्हें ब्रेन स्ट्रोक आया और वे वीरगति को प्राप्त हो गए।
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परिजनों के अनुसार, अंकज कुछ ही सप्ताह पहले छुट्टियों पर घर आए थे और हाल ही में ड्यूटी पर लौटे थे। किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह उनकी आखिरी विदाई होगी। शहीद जवान के पिता ठाकुर सिंह गांव भाली में दर्जी का कार्य करते हैं और माता कांता देवी एक गृहिणी हैं।
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पत्नी सपना देवी और दो मासूम बेटे, 10 वर्षीय आदित्य और 8 वर्षीय सूर्यांश अब इस कठिन समय में अकेले रह गए हैं। अचानक मिली इस दुखद सूचना से पूरे परिवार का बुरा हाल है। घर में मातम पसरा हुआ है और पूरे क्षेत्र से लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।
परिवार को मिली जानकारी के अनुसार, शहीद अंकज कुमार का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव जोल पहुंचने की संभावना है। प्रशासन द्वारा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है।
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अंकज कुमार न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे गांव का गौरव थे। उनकी देशभक्ति और सरल स्वभाव के कारण गांव में सभी उन्हें आदर की दृष्टि से देखते थे। आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं, तो गांव का हर व्यक्ति भावुक है।
अब जब अंकज कुमार देश सेवा करते हुए शहीद हुए हैं, उनके परिवार को न केवल मानसिक बल्कि आर्थिक संबल की भी आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से यह अपेक्षा की जा रही है कि शहीद के परिजनों को उचित सहायता और सम्मान प्रदान किया जाए।