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June 27, 2025

एक्शन मोड में आए CM सुक्खू- बारिश से मची तबाही पर बुलाई समीक्षा बैठक, दिए बड़े निर्देश

प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

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CM SUKKHU

शिमला हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही प्राकृतिक आपदाएं लगातार कहर बरपा रही हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं ने हालात गंभीर बना दिए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए प्रशासन को पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ एक वर्चुअल बैठक कर राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की।

सभी डीसी को 24x7 सतर्क रहने के निर्देश

सीएम सुक्खू ने जिलाधिकारियों से कहा कि वे मानसून के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध रहें। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपदा की स्थिति में तत्काल राहत पहुंचाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

 

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इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों के लिए राहत कार्यों को युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए और कहा कि पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए।

प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए कि नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों, खासतौर पर प्रवासी मजदूरों की पहचान कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। साथ ही, स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को बारिश के मौसम में संवेदनशील इलाकों से दूर रहने की सलाह देने के लिए एडवाइजरी जारी करने को कहा गया।

जल विद्युत परियोजनाओं के लिए समग्र सुरक्षा योजना

सीएम सुक्खू ने यह भी कहा कि हर वर्ष भारी बारिश और भूस्खलन से जल विद्युत परियोजनाओं को बड़ा नुकसान होता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए एक स्थाई और समग्र रणनीति तैयार की जाए। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि ऐसी बहुमूल्य परियोजनाओं को भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखा जा सके।

 

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24 घंटे में भयंकर नुकसान

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि बीते 24 घंटों में राज्य में तीन जगहों पर बादल फटने, नौ स्थानों पर बाढ़ और तीन जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। इन हादसों में अब तक पांच लोगों की जान जा चुकी है और एक व्यक्ति घायल हुआ है। जिला कुल्लू और कांगड़ा में अभी भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत की बात यह रही कि 21 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

सड़कों और परियोजनाओं पर भारी असर

भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-505 और एनएच-3 समेत कई सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैंकुल्लू जिले की सैंज घाटी में मझान नाला के पास बादल फटने की वजह से सैंज, पार्वती और लारजी जल विद्युत परियोजनाओं को फिलहाल बंद कर दिया गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन परियोजनाओं के जलगेट खोल दिए गए हैं।

 

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राहत एवं बचाव कार्य जारी

सरकार की ओर से प्रभावित इलाकों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और होमगार्ड की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

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