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August 11, 2025
हिमाचल की इस जगह में 15 नहीं 16 अगस्त को मनाते हैं आजादी का जश्न, क्या है वजह- यहां जानें
दो दिन चलता है फेस्टिवल
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक ऐसी जगह है जहां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं बल्कि 16 अगस्त को मनाया जाता है। ये परंपरा कोई आज की नहीं बल्कि 1947 से चली आ रही है। आइए जानते हैं कौन सी है ये जगह।
15 अगस्त को देश के हर कोने में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा लेकिन हिमाचल की एक जगह ऐसी भी है जहां ये 16 अगस्त को मनाया जाएगा। ये जगह शिमला से लगभग 33 किलोमीटर दूर ठियोग है। ठियोग में आजादी दिवस को 'जलसा' फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे एक इतिहास है जो इसे गौरवमयी बनाता है।
बात साल 1946 की है। इस साल देश 360 रियासतों के राजा, नवाब व निजाम के शासन से मुक्ति के लिए लड़ रहा था। 1946 में ही ठियोग रियासत को राजाओं की सत्ता से मुक्ति मिली। फिर इसी साल ठियोग में देश के पहले प्रजामंडल का गठन हुआ।
वहीं 16 अगस्त 1947 को जनता ठियोग में राजा कर्मचंद के महल के बाहर एकजुट हुई और इस दबाव के चलते राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी और 16 अगस्त को ठियोग में देश की पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी। प्रधानमंत्री व मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली।
ठियोग में मनाए जाने वाला 'जलसा' फेस्टिवल में देश के लिए कुर्बानी देने वाले सपूतों को याद किया जाता है। इसके अलावा सांस्कृतिक व रंगारंग कार्यक्रम और विभिन्न खेलकूद का आयोजन भी इस फेस्टिवल में होता है। ये कार्यक्रम 15 व 16 अगस्त दोनों दिन होता है।
जलसा फेस्टिवल का आयोजन ऐतिहासिक पोटेटो ग्राउंड में होता है। पर्व के लिए पूरी ठियोग रियासत की जनता नए कपड़े पहनकर पोटेटो ग्राउंड पहुंचती है। स्कूली बच्चे कार्यक्रम में प्रस्तुतियां देते हैं। जलसा फेस्टिवल के लिए ठियोग में हर साल 16 अगस्त को लोकल छुट्टी रहती है। पूर्व की वीरभद्र सरकार में इस पर्व को जिला स्तरीय फेस्टिवल का दर्जा दिया गया था।