#यूटिलिटी
August 9, 2025
हिमाचल में SIM से हेराफेरी कर रहे लोग, कहीं आपको भी ना लग जाए चपत, रहें सतर्क
ऐप से पकड़ें फर्जी नंबर
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश के लोग सतर्क हो जाएं। क्या आप जानते हैं कि आपके नाम पर कोई फ्रॉड कर सकता है, किसी को धोखा दे सकता है। अगर नहीं, तो आज हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे कोई शातिर इंसान आपके नाम पर सिम लेकर गलत काम कर सकता है। हम आपको ये भी बताएंगे कि कैसे आप इस बारे में जान सकते हैं और कैसे इसे रोक सकते हैं।
हमारा मोबाइल नंबर सिर्फ कॉल व मैसेज के लिए नहीं होता, ये हमारी डिजिटिल लाइफ का जरुरी हिस्सा होता है। बैंक हो या कोई सरकारी सेवा, या फिर सोशल मीडिया, ये सब हमारे नंबर से जुड़ा होता है। ऐसे में अगर कोई आपकी जानकारी के बिना आपके नाम पर सिम कार्ड खरीदता है तो वो इसका बहुत गलत इस्तेमाल कर सकता है। ऐसे में ये पता रखना जरूरी है कि आपके नाम पर कोई फर्जी सिम तो नहीं चल रहा।
दूरसंचार विभाग 'संचार साथी' नाम से एक खास पोर्टल और मोबाइल ऐप चलाता है। इसमें आप बड़ी आसानी से चेक कर सकते हैं कि आपके नाम पर कितने सिम कार्ड जारी हुए हैं। ये दूरसंचार विभाग का ऑफिशियल टूल है जो रियल टाइम में ये दिखाता है कि आपके नाम पर कितने सिम कार्ड चल रहे हैं। ये जानने के लिए आप कोई टेक्निकल एक्सपर्ट नहीं होने चाहिए। आप बस फोन फ्रेंडली होने चाहिए।
मान लीजिए कभी आपका कोई आईडी प्रूफ खो गया हो या चोरी हो गया हो, तो वो डॉक्यूमेंट कोई गलत आदमी इस्तेमाल कर सकता है। ऐसे में आपको ये भी पता नहीं चलेगा कि कोई ऐसा कर रहा है। ऐसे में आप 'संचार सारथी' की मदद से इस बारे में पता कर सकते हैं। आप ये जान सकते हैं कि कौन-कौन से नंबर आपके नाम पर चल रहे हैं। आप उन नंबर्स को बंद करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं जो आपके नहीं हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में हीलियम गैस से सुसा*इड का पहला केस, बैंकर ने नोट में पत्नी-पिता के खोले कई राज
फ्रॉड लोग अकसर फेक आईडी या चोरी के डॉक्यूमेंट यूज करके सिम निकलवाते हैं। फिर इसका इस्तेमाल क्राइम, बैंकिंग फ्रॉड या परेशान करने वाले कॉल्स में किया जा सकता है। इस सबका रिकॉर्ड आपके नाम पर होगा। ऐसे में समय-समय पर अपने नाम से जुड़े सभी नंबर्स चेक करने से आप इससे बच सकते हैं। 'संचार सारथी' ऐप आपके लिए ये आसान कर देती है।
हिमाचल में फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल बड़ी समस्या बन रही है। इसका संबंध साइबर अपराध और फर्जीवाड़े से है। फ्रॉड पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर सिम कार्ड खरीदे जाते हैं। फिर इन नंबरों का इस्तेमाल फर्जीवाड़ों और क्राइम के लिए किया जाता है। ऐसे में उस व्यक्ति को भारी नुकसान होगा जिसके नाम पर वो नंबर लिया गया होगा। सबसे पहले उन्हें ही कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।