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March 2, 2025

नाराज अनुबंध कर्मचारियों को हिमाचल हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, घिर गई सुक्खू सरकार

कहा- दुर्गम इलाकों में अनुबंध काल को सामान्य ड्यूटी में गिना जाएगा

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Himachal High Court

शिमला। कर्मचारी के अनुबंध काल को नियमित किए जाने के बाद नए सेवाकाल में नहीं गिनने के हिमाचल सरकार के कानून का विरोध कर रहे अनुबंध कर्मचारियों को प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर कर्मचारी ने अनुबंध काल में दुर्गम क्षेत्र में ड्यूटी की हो तो नियमित होने के बाद उसके पुराने सेवाकाल को सामान्य कार्यकाल ही माना जाएगा।

 

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जस्टिस संदीप शर्मा की बेंच ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा ऐसे दुर्गम इलाकों में अनुबंध पर ड्यूटी करने वाले कर्मी को नियमित करते समय सरकार यह नहीं कह सकती कि उसके पुराने सेवाकाल को सामान्य नहीं माना जाएगा। ऐसे में कर्मचारी अपने पसंदीदा स्थान पर तबादला चाहने का पात्र होगा।

 

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नहीं मानी सरकार की दलील

दुर्गम क्षेत्र में सेवाएं देने के बाद सामान्य क्षेत्र के लिए स्थानांतरण के आदेश की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि स्थानांतरण नीति में यह नहीं कहा गया है कि कर्मचारी का केवल नियमित सेवा वाला कार्यकाल ही ऐसे कठिन क्षेत्र में सामान्य कार्यकाल के लिए गिना जाएगा।

 

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सरकार की दलील थी कि याचिकाकर्ता की पहली नियुक्ति फरवरी 2022 में अनुबंध के तौर पर कठिन क्षेत्र में की गई थी और उसे दो साल का अनुबंध पूरा होने पर नियमित किया गया है। इसलिए उसकी नियमित नियुक्ति को ताजा नियुक्ति मानते हुए उसे तबादला नीति के तहत कठिन क्षेत्र में दो सर्दियां और तीन गर्मियां काटनी होंगी।

 

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अनुबंध की शर्त पूरी तो तबादले से इनकार क्यों

प्रार्थी का कहना था कि उसने अनुबंध काल के दौरान यह शर्त पूरी कर ली है और पसंदीदा स्थान पर तबादले के लिए उसने शिक्षा विभाग के समक्ष प्रतिवेदन भी दिया है। प्रार्थी ने विभाग को उसके प्रतिवेदन पर निर्णय लेने के आदेश जारी किए जाने मांग की। कोर्ट ने प्रार्थी की मांग को स्वीकारते हुए शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वह कोर्ट की ओर से की गई उपरोक्त व्यवस्था और तबादला नीति को ध्यान में रखते हुए प्रार्थी के प्रतिवेदन पर कोई उचित निर्णय ले।

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