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July 5, 2025
आपदा पीड़ितों से बोले-डिप्टी CM- विक्रमादित्य: सहायता ही नहीं- सामान्य जीवन में लौटने तक करेंगे सहयोग
मंडी के सराज और थुनाग क्षेत्रों का किया दौरा, युद्ध स्तर पर बहाल हो रही सड़कें
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आई भीषण आपदा के बाद हालात अभी भी सामान्य नहीं हो सके हैं। जिले के सराज और नाचन विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में तबाही के गहरे निशान हैं। मंडी जिले के बाड़ा गांव में 42 मकान अब रेड जोन में आ गए हैं, जबकि 30 जून की रात आई त्रासदी में 16 घर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं। सैकड़ों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
बाड़ा पंचायत की प्रधान जिमा देवी ने शनिवार को डिप्टी मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात कर क्षेत्र की स्थिति से अवगत करवाया। उन्होंने आग्रह किया कि प्रभावित परिवारों को हर संभव राहत व पुनर्वास सहायता दी जाए। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार हर प्रभावित के साथ खड़ी है और उनके पुनर्वास के लिए काम कर रही है।
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आपदा के बाद सरकार की ओर से राहत कार्यों का जायजा लेने शनिवार को डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सराज और नाचन विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने क्षेत्र में हुए नुकसान का स्थलीय निरीक्षण किया और प्रभावितों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार इस आपदा की घड़ी में हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। हमारा लक्ष्य केवल राहत देना नहीं, बल्कि उन्हें फिर से सामान्य जीवन की ओर लौटने में पूरा सहयोग करना है।
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डिप्टी सीएम ने पंडोह-बाखली मार्ग पर हुए बड़े भूस्खलन स्थल का निरीक्षण किया और लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि प्रभावित 14 पंचायतों को जोड़ने के लिए 60 मीटर लंबा वैली ब्रिज शीघ्र स्थापित किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि बगलामुखी रोपवे को अगले आदेश तक आम जनता के लिए निशुल्क कर दिया गया है, जिससे आवाजाही में राहत मिल सके।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नाचन क्षेत्र का दौरा कर बादल फटने से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। टिल्ली गांव में सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। वहीं, बागा गांव में बाढ़ में बहे पदम सिंह और देवकु के बेटों पुष्प राज और तिलक राज के परिजनों से मिलकर मंत्री ने गहरा दुख प्रकट किया।
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विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों की बहाली का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इससे राहत व पुनर्वास कार्यों को तेज किया जा सकेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि थुनाग को बगस्याड और जंजैहली को करसोग से जोड़ने का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि थुनाग से बहने वाली खड्ड को चैनलाइज करने के लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी] ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से जन और संपत्ति को कम से कम नुकसान पहुंचे।
सराज क्षेत्र में भूस्खलन और सड़कें टूटने के कारण राहत सामग्री पहुंचाने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार सुबह 25 पोर्टर मनाली से राशन लेकर पैदल ही थुनाग की ओर रवाना हुए। स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर आपसी समन्वय से राहत पहुंचाने में जुटी हुई हैं।
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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। अब तक जिले में 1317 खाद्य सामग्री किट वितरित की जा चुकी हैं। इनमें आटा, चावल, तेल, दालें, मसाले और चाय जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।
थुनाग में 197, जंजैहली में 69, बगस्याड़ में 1000, धर्मपुर में 40 और चौंतड़ा में 11 किट बांटी गई हैं। इसके अतिरिक्त आज जंजैहली के लिए 160 और थुनाग के लिए 176 किट भेजी गई हैं। प्रशासन के पास अभी 665 किट स्टॉक में हैं, जिन्हें जरूरत के अनुसार वितरित किया जाएगा।