#अपराध
July 5, 2025
हिमाचल के नदी नाले उगल रहे लोगों की देह, पौंग झील में तैरती मिली महिला की...
इस मानसून हुई भयंकर तबाही, 15 दिन में 72 लोगों ने गंवा दी जान
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फतेहपुर (कांगड़ा)। हिमाचल प्रदेश में मानसून की मार अब एक नई दहशत बनकर सामने आ रही है। भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलनों के बीच अब प्रदेश की नदियां और झीलें लाशें उगलने लगी हैं। ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला शनिवार को फतेहपुर थाना क्षेत्र के धमेटा के पास पौंग झील में सामने आया, जहां दोपहर करीब साढ़े 12 बजे एक अज्ञात महिला का गला सड़ा शव मिला। इससे दो दिन पहले भी इसी झील में एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ था। लगातार मिल रहे शवों से स्थानीय लोगों में भय का माहौल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ ग्रामीणों ने झील किनारे एक शव देखा जिसकी सूचना उन्होंने तुरंत पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए नूरपुर अस्पताल भेजा गया है। महिला की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। महिला का शव पूरी तरह से गल सड़ चुका है। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि महिला का शव काफी दिन पुराना हो सकता है।
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मामले की पुष्टि करते हुए एसपी नूरपुर अशोक रतन ने बताया कि महिला का शव काफी सड़ चुका था। शव को तीन दिन तक नूरपुर के शव गृह में रखा जाएगा, यदि इस दौरान उसकी शिनाख्त नहीं हो पाती है तो नियमानुसार अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से कई जगहों पर बाढ़ और भूस्खलन हुए हैं, जिसमें कई लोग जहां मलबे में दफन हुए हैं। वहीं कई लोग बाढ़ में बह गए हैं। अब ऐसे ही बाढ़ में बहे लोगों के शव मिल रहे हैं।
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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 20 जून से 4 जुलाई के बीच प्राकृतिक आपदाओं में 72 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 113 लोग घायल हुए हैं। 251 मवेशियों की मौत और 122 से अधिक घरों व दुकानों को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा 208 गौशालाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ की रिपोर्ट के अनुसार 4 जुलाई तक हिमाचल को 541.09 करोड़ का नुकसान हो चुका है, जो 3 जुलाई तक 495.85 करोड़ था। इसका मतलब है कि महज 24 घंटे में राज्य को 45.27 करोड़ का अतिरिक्त नुकसान हुआ है। अनुमान है कि जमीनी हालात रिपोर्ट से कहीं ज्यादा गंभीर हैं।
भारी बारिश और बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग को हुआ है। जल शक्ति विभाग को अब तक 293.02 करोड़ की चपत लगी है। तेज बहाव की चपेट में आकर कई पेयजल योजनाएं पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। वहीं भूस्खलन से पेयजल पाइपलाइनों के टूटने से प्रदेश के कई क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। इसी तरह से लोक निर्माण विभाग को भी मानसून सीजन ने 243.55 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है। भारी बारिश से हुए भूस्खलनों, डंगों के गिरने और सड़कों पर मलबा आने से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है।