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July 12, 2025
CM सुक्खू की प्रदेशवासियों से भावुक अपील: बाढ़ पीड़ितों की मदद को राहत कोष में दें आर्थिक सहयोग
सरकार ने जारी किए बैंक खाते नेट बैंकिंग, चेक,ड्राफ्ट से भी कर सकेंगे मदद
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शिमला। हिमाचल प्रदेश इस समय प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। प्रदेश में पिछले दिनों आई प्राकृतिक आपदा ने भयंकर तबाही मचाई है। सैंकड़ों घर तबाह हो चुके हैं। लोग बेघर हो गए हैं। आपदा में लोगों के पास घर जमीन कुछ भी नहीं बचा है। ऐसे में इन लोगों को फिर से बसाने के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूरे देश सहित प्रदेशवासियों से एक भावुक अपील की है। उन्होंने देशवासियों से हिमाचल की इस विकट घड़ी में मदद के लिए आगे आने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश आज जलवायु परिवर्तन की विकरालता का सामना कर रहा है और हिमाचल इससे अछूता नहीं रहा। हिमाचल के कई हिस्सों में भारी तबाही हुई है, जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है और हजारों लोग अपने घरों से उजड़ चुके हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस आपदा से निपटना केवल सरकार के बूते की बात नहीं है, इसके लिए जनसहभागिता जरूरी है।
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सीएम सुक्खू ने लोगों से अपील की है कि बाढ़ में अपना सब कुछ खो चुके लोगों की मदद के लिए आगे आएं और उनको दोबारा बसाने में हमारी मदद करें। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा राहत कोष में दान दें, ताकि जो हमारे अपने अपना सब कुछ खो चुके हैं, उन्हें दोबारा इस हालत में लाया जा सके कि वह अपना जीवन निर्वाह कर सकें।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रदेश सरकार द्वारा आपदा राहत के लिए खोले गए विशेष बैंक खातों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि लोग Google Pay, PhonePe, नेट बैंकिंग, RTGS, NEFT या चेक / ड्राफ्ट के माध्यम से सीधे सहायता राशि भेज सकते हैं। राहत राशि 100 प्रतिशत आयकर छूट के दायरे में आती है।
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मुख्यमंत्री सुक्खू 13 जुलाई को शिमला से चंडीगढ़ होते हुए दिल्ली के लिए रवाना होंगे, जहां 14 जुलाई को उनका केंद्रीय नेताओं से महत्वपूर्ण मुलाकातों का कार्यक्रम है। वे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री अमित शाह और 16वें वित्तायोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया से मिलकर हिमाचल की वर्तमान आर्थिक एवं आपदा संबंधी स्थिति को विस्तार से रखेंगे।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री राहत कार्यों के लिए राज्य की ऋण सीमा बढ़ाने, राजस्व घाटा अनुदान (RDG) में हुई कटौती की भरपाई और आपदा राहत के लिए विशेष आर्थिक सहायता की मांग करेंगे। साथ ही केंद्र से यह आग्रह भी किया जाएगा कि वन भूमि पर विस्थापितों को घर बनाने की अनुमति दी जाए।
अब तक मानसून के चलते प्रदेश में करीब 800 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। मुख्यमंत्री स्वयं कई प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं और उन्होंने उच्च अधिकारियों से राहत कार्यों की स्थिति पर रिपोर्ट भी ली है। यह प्रारंभिक आंकड़े और आकलन दिल्ली में केंद्र सरकार को सौंपे जाएंगे, जबकि केंद्रीय टीम द्वारा अलग से स्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, “मैं स्वयं केंद्र के समक्ष राज्य की तकलीफों और आर्थिक चुनौतियों को पूरी ताकत के साथ रखूंगा। हिमाचल के लोगों की पीड़ा को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। हमें केंद्र का सहयोग चाहिए ताकि हम प्रदेशवासियों को फिर से संबल दे सकें।
गृह मंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री बादल फटने जैसी बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजना और उदार वित्तीय सहायता की मांग भी करेंगे। मुख्यमंत्री का मानना है कि यदि इन घटनाओं के लिए अलग से बजट और रणनीति बनाई जाए, तो जान-माल के नुकसान को काफी हद तक टाला जा सकता है।