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July 12, 2025
हिमाचल में फिर बारिश का अलर्ट जारी, इन तीन जिलों में आसमान से बरसेगी आफत
हिमाचल में 184 सड़कें अभी भी बंद है
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शिमला। हिमाचल प्रदेश एक बार फिर भारी बारिश के संकट की ओर बढ़ रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा आज के लिए प्रदेश के तीन जिलों बिलासपुर, सोलन और हमीरपुर के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, इन क्षेत्रों में आज हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, हालांकि बीती रात हमीरपुर के सुजानपुर क्षेत्र सहित कई स्थानों पर तेज बारिश ने पहले ही चिंता बढ़ा दी थी।
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मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 14 जुलाई से 17 जुलाई के बीच प्रदेश के अधिकांश इलाकों में रुक-रुक कर बारिश जारी रहेगी। कुछ स्थानों पर दिन में एक या दो बार भारी बारिश भी हो सकती है, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसे खतरे फिर से मंडरा सकते हैं।
इस बीच, प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मौसम साफ भी बना हुआ है। कांगड़ा, बड़सर जैसे इलाकों में सुबह से धूप खिली हुई है, लेकिन यह राहत अस्थायी हो सकती है क्योंकि मौसम फिर पलटने की आशंका जताई गई है।
भारी बारिश से जनजीवन अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाया है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में इस समय 184 सड़कें यातायात के लिए पूरी तरह बंद हैं।
यही नहीं, 111 बिजली ट्रांसफॉर्मर बंद होने से प्रदेश के 200 से अधिक गांवों में लगभग डेढ़ सप्ताह से अंधेरा पसरा हुआ है। बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन पहाड़ी इलाकों में रास्तों की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है।
बरसात ने केवल सड़क और बिजली ही नहीं, बल्कि पेयजल व्यवस्था को भी तहस-नहस कर दिया है। 791 से अधिक पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में पानी की भारी किल्लत हो गई है। कई जगहों पर लिफ्ट वाटर स्कीम्स के पंप हाउस ही तेज बहाव में बह गए हैं। इससे कई पंचायतों में पानी टैंकरों के सहारे आपूर्ति की जा रही है।
हिमाचल में इस बार मानसून मौत बनकर बरसा है। अब तक कुल 92 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 24 मौतें बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाओं के कारण हुई हैं। वहीं, 33 लोग अब भी लापता हैं। अकेले मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है- जहां 30 जून की रात को बादल फटने की भयानक घटना में 15 लोगों की मौत हुई और 27 अभी तक लापता हैं।
प्राकृतिक आपदा ने प्रदेश को आर्थिक रूप से भी गहरी चोट दी है। अब तक सरकारी और निजी संपत्ति को हुआ कुल नुकसान 1157 करोड़ रुपये से अधिक आंकलित किया गया है। मंडी जिले में ही 1198 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 500 मकान पूरी तरह तबाह हो गए हैं। इसके अलावा, 203 गोशालाएं और 731 पशु शेड भी तेज बहाव में ढह गए हैं।
इन हालातों को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, विशेष रूप से नदी-नालों के किनारे बसे गांवों को। पर्यटकों को भी सलाह दी गई है कि वे मौसम के मिजाज को देखते हुए ही यात्रा करें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।