#विविध
July 12, 2025
हिमाचल: बाढ़ में बह गई सुनार की सेफ, अंदर था 60 लाख का सोना; 120 दुकानें हुई तबाह
इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान में फ्रिज, एलईडी, मोबाइल, वॉशिंग मशीन भी हुई दफन
शेयर करें:
मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 30 जून को आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने कई लोगों को गहरे जख्म दिए हैं। इस आपदा ने जहां 15 लोगों को मौत की नींद सुला दिया। वहीं कई लाग अभी भी मलबे में दफन हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। 30 जून को मंडी जिला के सराज, करसोग और थुनाग में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ था।
सराज घाटी स्थित थुनाग बाजार में तो भारी नुकसान हुआ था। देजी खड्ड का बहाव बदलने और आसपास के तीन खतरनाक नालों तांदी, घुमराला और खमरार के उफान पर आने से पूरा बाजार मलबे और पानी में डूब गया। तबाही का आलम यह रहा कि बाजार की 120 से अधिक दुकानें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं या फिर गाद में समा गईं। व्यापारियों का अनुमान है कि इस आपदा से बाजार को 20 करोड़ रुपए का सीधा नुकसान हुआ है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में 45 साल पहले मिली वन भूमि से बेदखल होंगे हजारों लोग, तिब्बतियों पर भी गिरेगी गाज
इस आपदा में सबसे बड़ा झटका थुनाग के एक स्थानीय सुनार को लगा। सुनार के अनुसार बाढ़ उसकी दुकान में रखी सेफ को ही बहा ले गई। इस सेफ में करीब 60 लाख का सोना रखा हुआ था। अब यह सारा सोना मलबे में दफन हो गया है। दुकानदार गोलू ने बताया कि अब न दुकान बची है, न सामान और न ही आगे बढ़ने की कोई उम्मीद।
इसी बाजार में स्थित हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की शाखा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। बाढ़ के कारण बैंक के अंदर गाद भर गई है और शटर टूट चुका है। बैंक की सेफ में रखे लगभग 39 लाख रुपए भी मलबे में दफन हो गए हैं। वहीं बैंक में लोन से संबंधित फाइलें भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं।
आपदा को बीते 13 दिन हो चुके हैं, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। व्यापार मंडल थुनाग के अध्यक्ष शिव दयाल ठाकुर ने बताया कि बाजार के कई बड़े व्यवसायियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। थुनाग बाजार में कैलाश फर्नीचर हाउस को अकेले ही 50 लाख से अधिक की क्षति हुई है। वहीं, हेमलता कॉस्मेटिक्स, जीवानंद इलेक्ट्रॉनिक्स, ललित कुमार जनरल स्टोर, शीतला गणपति ज्वैलर्स, भाग सिंह बर्तन भंडार सहित कई दुकानों का लाखों में नुकसान हुआ है। व्यापार मंडल ने मांग की है कि हरेक प्रभावित दुकानदार का निष्पक्ष सर्वे किया जाए और तत्काल राहत राशि दी जाए, ताकि वे अपने कारोबार को दोबारा शुरू कर सकें।
ललित कुमार, जिनकी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान आपदा में पूरी तरह तबाह हो गई, भावुक होकर बताते हैं। उस रात हम घर में थे, और हमें जरा भी अंदाजा नहीं था कि सुबह हमारा सब कुछ मिट जाएगा। जब तीसरे दिन दुकान तक पहुंच पाया, तो देखा कि शटर टूटा पड़ा है, और अंदर की हर चीज या तो बह चुकी है या गाद में दब गई है। उनकी दुकान में फ्रिज, टीवी, मोबाइल, वॉशिंग मशीन जैसे करीब 18 लाख रुपए का स्टॉक था, जो अब सिर्फ एक बुरी याद बनकर रह गया है।
तहसीलदार रजत सेठी ने बताया कि अब तक 50 दुकानदारों को प्राथमिक राहत राशि प्रदान की जा चुकी है। श्यह कहना कि प्रशासन निष्क्रिय हैए पूरी तरह गलत है। हमारी टीमें लगातार मौके का दौरा कर रही हैं और नुक्सान का आकलन कर रही है।