#यूटिलिटी
July 3, 2025
सीएम सुक्खू से बोले पीड़ित: तंबू लगाने को भी नहीं बची जमीन, उबले आलू से मिटा रहे भूख
सीएम सुक्खू का आपदा पीड़ितों को विशेष राहत पैकेज देने का भरोसा
शेयर करें:
मंडी। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद बादल फटने की घटनाओं ने प्रदेश में एक तरह से जल प्रलय ला दी है। इस जल प्रलय में सबसे अधिक नुकसान हिमाचल के मंडी जिला को हुआ है। 24 घंटों के अंदर ही मंडी जिला में 15 अलग अलग जगहों पर बादल फटने से भयंकर तबाही हुई। जगह.जगह सड़कों का नामोनिशान मिट गया है। पुल बह गए हैं और गांव के गांव उजड़ गए हैं।
सराज और धर्मपुर जैसे क्षेत्रों में हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि प्रभावित लोग अब उबले आलू और पानी से भूख मिटा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। सीएम सुक्खू धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत लौंगणी के स्याठी गांव पहुंचे थे। यहां उन्होंने लोगों से मुलाकात की और उनका दुख.दर्द सांझा किया।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : भारी बारिश ने मचाया कहर- मलबे में दबे 2 लोग, एक की देह बरामद
इस दौरान लोगों का दर्द छलक उठा। ग्रामीणों ने सीएम सुक्खू को बताया कि उनका इस बाढ़ में सब कुछ बह गया है। ना घर बचा ना जमीन अब तो हमारे पास तंबू लगाने को भी जमीन नहीं बची है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अब उनके पास खाने के लिए केवल उबले आलू और पानी बचा है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बीमार बुजुर्गों के लिए यह हालात बेहद गंभीर बन चुके हैं।
यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार को राज्यपाल शुक्ला की नसीहत, 'चादर देख पसारें पैर', दल बदल कानून पर भी की टिप्पणी
मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में बीते चार दिनों से हालात बेकाबू हैं। बादल फटने और फ्लैश फ्लड की 15 घटनाओं ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। अकेले सराज में 11 स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिससे 168 घर पूरी तरह तबाह, सैकड़ों दुकानें और गोदाम बह चुके हैं। मंडी का थुनाग बाजार 60 प्रतिशत से अधिक बर्बाद हो गया है। दुकानों के साथ राशन, दवाइयां और आवश्यक सामान भी बह गया है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल के युवक की चंडीगढ़ में एक माह पहले लगी थी नौकरी, ड्यूटी से लौटते कार ने कुचला
आलम यह है कि 80,000 से अधिक लोगों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया है। थुनाग, जंजैहली, चिऊणी, जरोल, लंबाथाच, ढीम कटारू जैसे गांवों में संपर्क मार्ग टूट चुके हैं और लोग चार दिनों से बिजली, मोबाइल नेटवर्क और मेडिकल सुविधाओं से पूरी तरह कटे हुए हैं। सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को हो रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के स्याठी गांव का दौरा किया। उन्होंने आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर दुख साझा किया और प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। सीएम सुक्खू ने कहा कि घरों के पुनर्निर्माण, नष्ट हुई गौशालाओं और पशुधन के नुकसान के लिए विशेष राहत पैकेज और मुआवजा दिया जाएगा।
ग्रामीणों ने जब सीएम को बताया कि अब उनके पास तंबू लगाने की भी जमीन नहीं बची, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि क्षेत्र में सरकारी भूमि उपलब्ध होगी तो उन्हें दी जाएगी। साथ ही, वन भूमि के मामले में केंद्र सरकार से अनुरोध करने की बात भी कही गई।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : भीषण तबाही में भी अडिग रही एक अंगुली से हिलने वाली ये शिला- पांडवों से जुड़ा है कनेक्शन
हालात की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राशन का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है और हेलीकॉप्टर के जरिये ही राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। लेकिन खराब मौसम और दुर्गम इलाकों के कारण यह कार्य बेहद सीमित हो गया है।
प्रशासन द्वारा अब तक मंडी जिले में 154 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है, जबकि 13 लोगों की मौत और 29 के लापता होने की पुष्टि हुई है। लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।