#राजनीति
July 3, 2025
सुक्खू सरकार को राज्यपाल शुक्ला की नसीहत, 'चादर देख पसारें पैर', दल बदल कानून पर भी की टिप्पणी
सरकार बजट योजनाएं बनाते समय बजट का रखें खास ध्यान
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धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश इन दिनों आर्थिक तंगी के गंभीर दौर से गुजर रहा है। बढ़ता कर्ज, सीमित संसाधन और योजनाओं का अधूरा क्रियान्वयन प्रदेश सरकार के सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है। ऐसे में प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सरकारों को स्पष्ट संदेश दिया है कि योजनाएं बनाते समय अपनी क्षमता और संसाधनों का वास्तविक मूल्यांकन करें। उनका दो टूक कहना था जितनी चादर हो, उतने ही पैर पसारने चाहिए।
धर्मशाला के तपोवन में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने समापन समारोह के दौरान एक बेहद अहम टिप्पणी की। उन्होंने बिना किसी राजनीतिक दल का नाम लिए साफ किया कि जब भी बजट और योजनाएं बनाई जाएं, तो यह जरूर देखा जाए कि राज्य की आर्थिक हालत क्या है और संसाधनों की सीमा कहां तक है। राज्यपाल ने कहा कि अगर चादर छोटी है, तो पैर सिकोड़ लेने चाहिए। ठंड लगे तो दोष चादर को नहीं दिया जा सकता। योजनाएं बनाते समय राज्य की आर्थिक हकीकत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
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शिव प्रताप शुक्ल ने विभागीय निष्क्रियता और बजट लैप्स होने की प्रवृत्ति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हर साल बजट पारित होता है लेकिन कई विभाग निर्धारित राशि खर्च ही नहीं कर पाते। इससे न केवल योजनाएं अधूरी रह जाती हैं, बल्कि राज्य को नुकसान भी होता है। उन्होंने कहा कि विधायक जनता के प्रति जवाबदेह होता है, लेकिन जब विभाग बजट खर्च नहीं कर पाते, तो विकास रुकता है और नाराजगी विधायक झेलता है। जरूरी है कि विभागों की कार्यप्रणाली पर निगरानी रखी जाए।
इस दौरान राज्यपाल ने प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की भी खुले मंच से तारीफ की। उन्होंने कहा कि अग्निहोत्री पक्ष और विपक्ष को साथ लेकर चलने की कोशिश करते हैं, जो लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की कार्यशैली की भी प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने सदन को सुचारु रूप से चलाने में बेहतरीन नेतृत्व दिखाया है।
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इस सम्मेलन के दौरान राज्यपाल ने एक और संवेदनशील मुद्दे दलबदल कानून पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस कानून पर गंभीर और व्यापक राष्ट्रीय चर्चा होनी चाहिए, ताकि राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
बता दे कि हिमाचल प्रदेश की सरकार ने विधानसभा के संसद सत्र में दल बदल काूनन पारित कर उसे मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा है। जिसके तहत दल बदलू विधायकों की पेंशन और अन्य भत्तों को बंद करने का प्रावधान रखा गया है।
राज्यपाल का दौरा सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रमों तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने देहरा उपमंडल के स्वस्थानी माता मंदिर में भारत के पहले तन्त्रकुल का उद्घाटन भी किया। यह केंद्र वेद, वेदांग और तंत्र साधना की शिक्षा देगा।