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July 3, 2025

हिमाचल : भीषण तबाही में भी अडिग रही एक अंगुली से हिलने वाली ये शिला- पांडवों से जुड़ा है कनेक्शन

भीम के हाथ से गिरा था सत्तू का पेड़ा- कंकड़ टिके तो मिलती है संतान-सुख की मन्नत

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pandav shila himachal

मंडी। हिमाचल प्रदेश की मंडी जिला के सराज घाटी में बादल फटे, पहाड़ दरके और गांव मलबे में समाते गए, तब हर ओर तबाही और चीख-पुकार का मंज़र था। मंडी जिला की जंजैहली घाटी के कुथाह गांव में स्थित पांडव शिला भी इस भीषण आपदा की जद में थी। पर आश्चर्य की बात यह रही कि जहां गांव के कई मकान ढह गए, रास्ते और बागीचे बह गए, वहीं यह पौराणिक शिला अडिग खड़ी रही।

एक अंगुली से हिलती, पर हटाई नहीं जा सकती

यह शिला यूं तो एक पत्थर की आकृति है, लेकिन लोगों की आस्था और मान्यता इसे चमत्कार बना देती है। कहते हैं इसे कोई भी व्यक्ति महज एक अंगुली से हिला सकता है, लेकिन यदि कोई पूरी ताकत लगाकर दोनों हाथों से भी हिलाना चाहे तो यह टस से मस नहीं होती। इसे वैज्ञानिक रहस्य मानें या आस्था का प्रमाण, लेकिन यहां के लोगों के लिए यह एक जीवंत चमत्कार है।

 

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भीम के हाथ से गिरा पेड़ा बना पांडव शिला

मान्यता है कि महाभारत काल में जब पांडव अज्ञातवास पर थे, तो उन्होंने सराज घाटी के इस क्षेत्र में विश्राम किया था। इसी दौरान भीम के हाथ से सत्तू का पेड़ा गिरा, जो आज की ‘पांडव शिला’ के रूप में पूजित है। इसे भीम की स्मृति से जोड़कर श्रद्धालु यहां मत्था टेकते हैं।

संतान-सुख की आशा लिए पहुंचती हैं महिलाएं

यह शिला केवल इतिहास नहीं, उम्मीद की पहचान भी है। निःसंतान महिलाएं इस शिला पर कंकड़ फेंकती हैं। अगर कंकड़ शिला पर टिक जाए, तो माना जाता है कि उन्हें संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 

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आस्था की शिला, आपदा में भी अडिग

इस बार की भीषण बारिश और पांडवशिला गांव में आई तबाही के बाद जब ग्रामीणों ने देखा कि शिला वैसी ही खड़ी है, तो टूटे हुए दिलों में भी एक आस जगी। एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा कि घर गया, सामान गया, लेकिन हमारी आस्था की शिला बच गई, शायद वही हमें फिर से खड़े होने की ताकत दे रही है।

शिला हटाने की कोशिश की तो टूट गई जेसीबी

कहते हैं एक बार सड़क निर्माण के दौरान जब इसे हटाने की कोशिश की गई, तो जेसीबी का अगला हिस्सा ही टूट गया। तभी से इसे छेड़ने की कोई हिम्मत नहीं करता। अब एक बार फिर इस शिला ने लोगों को चमत्कार दिखाएं हैं और साफ है कि यह शिला लोगों की आस्था का केंद्र बन चुकी है। 

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