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May 18, 2025

सुक्खू सरकार का व्यवस्था परिवर्तन, हिमाचल वन निगम में अब ठेकेदारी प्रथा खत्म

वन निगम ने बढ़ाया सुक्खू सरकार का राजस्व

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CM Sukhu Meeting

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए वन विकास निगम में ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब वन निगम स्वयं ही पेड़ों के ठूंठ हटाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करेगा, जिससे न केवल कार्य में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि निगम की कार्यक्षमता और आत्मनिर्भरता भी सशक्त होगी।

वन निगम खुद हटाएगा सूखे ठूंठ 

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन निगम को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश भर में मौजूद लगभग 10,000 सूखे ठूंठों को हटाने के लिए विस्तृत योजना बनाई जाए। यह निर्णय प्रदेश की प्राकृतिक संपदा को व्यवस्थित प्रबंधन की ओर ले जाने का स्पष्ट संकेत है।

 

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स्वच्छ प्रशासन और पर्यावरण संतुलन की दिशा में पहल

मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है कि सरकार खुद आगे बढ़कर ऐसे कार्यों को अपने संसाधनों से करे, जिनमें अब तक ठेकेदारों की भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार व्यवस्था परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध है। वन निगम को आत्मनिर्भर बनाना, भ्रष्टाचार पर रोक लगाना और कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना हमारा उद्देश्य है।

 

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सीएम सुक्खू ने यह निर्देश आज रविवार को तीन साल बाद हुई मूल्य निर्धारण समिति की बैठक में लिया। इससे पहले पिछली बैठक साल 2022 में हुई थी। अब यह समिति दोबारा सक्रिय रूप में कार्य कर रही है। आज की बैठक की अध्यक्षता सीएम सुक्खू ने की। बैठक में गैर.लकड़ी वन उपज की नई दरें और रॉयल्टी संरचना भी स्वीकृत की गई।

राजस्व बढ़ाने में भी मिली सफलता

वन निगम ने मुख्यमंत्री को 41.30 करोड़ रुपए की रॉयल्टी का चेक सौंपा, जो खैर और साल के पेड़ों की नियंत्रित कटाई से प्राप्त हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के तहत की गई यह कटाई पारिस्थितिकीय संतुलन को बनाए रखते हुए की गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पर्यावरण की रक्षा और आर्थिक विकास साथ.साथ संभव हैं।

 

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जंगल की आग पर कड़ी निगरानी और स्थानीय भागीदारी

हर साल गर्मियों में लगने वाली जंगल की आग पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने वन विभाग को निर्देश दिए हैं कि तकनीकी उपकरणों और निगरानी प्रणालियों का उपयोग करके आग पर तत्काल नियंत्रण किया जाए। इसके लिए उन्होंने स्थानीय ग्रामीण समुदायों को जागरूक कर उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। वन अग्निशमन दलों की तत्परता और जवाबदेही में सुधार लाने को भी कहा।

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हरियाली का वादा, पौधों की देखभाल और पुनरुद्धार योजनाएं

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में पौधों की जीवित रहने की दर को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही क्षतिग्रस्त और सूखे वृक्षों का समय पर निपटारा कर वन क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाई जाएगी। सीएम सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भरए हरित और जवाबदेह शासन की ओर ले जा रही हैए जहां विकास और प्रकृति एक साथ आगे बढ़ रहे हैं।

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